Oplus_131072

Oplus_131072

हम तुम्हारे शहर में आये पर तुम न मिली, मगर तुम हमें वहाँ किसी अक्स में न मिली,

कलियों पर भौंरे मंडराती तितलियां मिली, पर तुम्हारी जैसी नजाकत वाली न मिली !

थड़ी पर सिकोरे में अदरक वाली चाय मिली, जहाँ बैठ तुम पीती वो जगह खुश न मिली!

चहकती चिड़ियाएं बहकी फ़िजाएँ मिली , मगर वो तुम्हारे ठहाके वाली हँसी न मिली !

हवा में उड़ते हुए फूलों की पंखुड़ियां मिली, जिस कली को छुआ था मैंने वो न मिली!

#गोविंद नारायण शर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved Ck Innovation | CoverNews by AF themes.

You cannot copy content of this page