15 साल पुराने मामले में मृतक के परिजनों को मिली बारह लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि

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देरी से सिर्फ न्याय का हनन नहीं होता बल्कि कभी कभी देरी से भी न्याय होता है।

मोटर साईकिल पर चार सवारी होने के आधार पर ख़ारिज किया था क्लेम।

केकड़ी, 26 जुलाई (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल/डॉ मनोज आहुजा) केकड़ी की मोटर दुर्घटना न्यायाधीश संख्या एक ने रेण का झोपड़ा पंचायत भिनाय की मृतका सोनी देवी पत्नी चाँद खां तथा मृतका मैना पुत्री चाँद खां के परिजनों खाजू खां व हकीम खाँ को बारह लाख रुपये की राशि बतौर क्षतिपूर्ति के देने के आदेश किये।

प्रार्थीगण के अधिवक्ता डॉ.मनोज आहूजा ने बताया कि स्वर्गीय सोनी व मैना वर्ष 2009 में 15 जून को अपने रिश्तेदार सत्तार खान के साथ मोटर साईकिल पर बैठकर अपने गांव से भिनाय तहसील जा रहे थे।दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे जब वो पीर बाबा के पास पहुंचे तभी भिनाय की तरफ से एक ट्रक नंबर आर जे 32 जी 1091 चालक अपनी ट्रक को तेज गति से लाया और गलत दिशा में जाकर मोटर साईकिल के टक्कर मार दी जिससे मोटर साईकिल चालक व बच्ची रुकसाना एक तरफ गिर गए तथा पीछे बैठी सोनी व मैना दूसरी साइड में गिर गए जिन पर ट्रक का पिछला टायर चढ़ने से दोनों की मौक़े पर ही मृत्यु हो गई।

उक्त घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना भिनाय में दर्ज होकर आरोपी चालक मानसिंह के खिलाफ चार्जशीट पेश हुई।जिस पर मृतका के पति व पिता तथा दोनों पुत्रों व पुत्रीयों की और से एडवोकेट डॉ.मनोज आहूजा द्वारा याचिका पेश की गई।जिसे न्यायाधीकरण ने 16 नवंबर 2011 को इस आधार पर ख़ारिज कर दिया कि मोटरसाईकिल पर चार लोग सवार थे इसलिये उनकी गलती होने से क्लेम के लिए उत्तरदायी नहीं माना।

इस आदेश से व्यथित होकर प्रार्थी गण ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत की जिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने दिनांक 15 जुलाई 2016 को त्रिब्यूनल का आदेश ख़ारिज कर नए सिरे से निर्णय पारित करने के निर्देश दिए।इस पर प्रार्थी पक्ष के अधिवक्ता मनोज आहूजा ने याचिका को लोक अदालत में रेफर करने का निवेदन किया जिस पर वाहन की बीमा कम्पनी नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी ने राजीनामा करने की सहमति देते हुए एक मामले में सात लाख तथा दूसरे मामले में पांच लाख रुपये की राशि निर्धारित करते हुए राजीनामा पेश किया जिस पर न्यायाधीकरण ने 12 लाख रूपये का अवार्ड पारित किया।जिसकी पालना में बीमा कम्पनी द्वारा राशि जमा कराए जाने पर प्रार्थी खाजू खान व हकीम खान को 12 लाख रुपये का चैक दिया गया।15 साल बाद मृतक के परिजनों को राशि मिलने पर उन्होंने अधिवक्ता डॉ.मनोज आहूजा व भैरू सिंह राठौड़ का आभार जताकर धन्यवाद देते हुए कहा कि देरी से ही सही लेकिन उन्हें न्याय मिला है।

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