इंटरनेशनल लिविंग डोनर लीवर ट्रांसप्लांटेशन संगोष्ठी आयोजित—लीवर प्रत्यारोपण के क्षेत्र में शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिले-राज्यपाल

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जयपुर, 17 नवंबर। केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने लीवर से जुड़े रोगों की समयबद्ध चिकित्सा के साथ ही लीवर प्रत्यारोपण के विशिष्ट ज्ञान क्षेत्र में शोध और अनुसंधान के जरिए भारत को अग्रणी किए जाने का आह्वान किया है।श्री मिश्र शुक्रवार को एक निजी होटल में लीवर ट्रांसप्लांट सोसायटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन पर आयोजित “इंटरनेशनल लिविंग डोनर लीवर ट्रांसप्लांटेशन” अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश में लिवर कैंसर और लिवर सिरोसिस के बढ़ते मरीजों की संख्या को चिंताजनक बताते हुए लीवर प्रत्यारोपण की दिशा में भी चिकित्सकों को सार्थक प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लीवर से जुड़े बढ़ते रोगों को देखते हुए सभी स्तरों पर उत्कृष्ट ईलाज की समुचित व्यवस्थाएं सभी स्तरों पर सुनिश्चित होनी चाहिए।राज्यपाल ने लीवर खराब होने के कारणों के संबंध में भी जन जागरूकता किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष हमारे यहां लीवर की बीमारी से 3 लाख के करीब मौतें होती है। टीबी के बाद सबसे ज्यादा मौतें इस कारण से ही होती है। उन्होंने लीवर प्रत्यारोपण के संबंध में जन-जागरूकता का प्रसार करने और लीवर दान के लिए वातावरण बनाए की भी आवश्यकता जताई।श्री मिश्र ने कहा कि चिकित्सक इस बात को सदा अपने हृदय में रखें कि उनका पहला कर्तव्य मानव मात्र का कल्याण है। उन्होंने वर्ल्ड सम्मेलन ऑफ आई.एल.डी.एल.टी. ग्रुप के आयोजन को महती बताते हुए कहा कि इससे लीवर प्रत्यारोपण की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ेगा।राज्यपाल ने इससे पहले संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। इस अवसर पर डॉ. सुभाष गुप्ता ने लीवर ट्रांसप्लांट से जुड़े आयोजन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा की भारत में पहली बार यह सम्मेलन हुआ है। इस मौके पर डॉ. सोनल अस्थाना, हिरोटो इगावा, डॉ. मोहम्मद रेला और, डॉ. मुकेश कुमार ने लीवर से जुड़े रोगों और देश में इसके लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।

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