भगवान नेमिनाथ मंदिर के 22 वर्ष के स्थापना दिवस पर 1008 रिद्धि सिद्धि मंत्रों से महामस्काभिषेक किया गया

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जिंदगी एक किराए का घर है,आज नहीं तो कल इसे खाली कर परलोक जाना ही है ।जो हमारा पता है वो किसी को पता नहीं है,ना जाने कितने लोग लापता है जिसका किसी को पता नहीं है ।अच्छे कर्म करो,पुण्य करो जिससे अपना स्थाई घर “मोक्ष” की प्राप्ति हो सके, तथा बार बार किराए का घर नहीं बदलना पड़े ।

मुनि अनुपम सागर महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ मंदिर में कहे ।उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन मे दंपति के लिए संतान सर्व सुख कारी होती है ।संतान के बिना कुल की वृद्धि रुक जाती है ।एक उदाहरण देकर मुनिश्री ने बताया कि एक सेठ सेठानी के औलाद नहीं होने के कारण किसी अनाथ बच्चे को उस अनाथालय से लेकर आते है जिसे अपने दान पुण्य से बनाया था, उसे पाल पोषकर बड़ा करते है, खूब अच्छा पढा लिखाकर बड़ा अफसर बना देते है , बड़े घर की बहू ले आते है ।

वो ही बेटे बहु बुढ़ापे में सेठ सेठानी को उसी वृद्धाश्रम में छोड़कर आ जाते है जिसे सेठ ने अपने दान से बनाया था ।जब पुत्र को पता लगा की वह भी अनाथालय से लाया हुआ था तो उसे बहुत ग्लानि हुई ।मुनि श्री ने कहा कि कोई किसी का सगा नहीं है, माँ बाप पति पत्नी दोस्त रिश्तेदार सभी अपने स्वार्थवश आपसे रिश्ता रखते है ।इसलिए मोह माया से बाहर निकलकर अपने जीवन के कल्याण के लिए “किराए के घर” का त्याग कर देना चाहिए ।

प्रातः जिनाभिषेक, नित्यनियम पूजा के पश्चात 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ के बोहरा कॉलोनी स्थित मंदिर के 22 वर्ष के स्थापना दिवस पर 1008 रिद्धि सिद्धि मंत्रों से महामस्काभिषेक किया गया ।तत्पश्चात सहस्त्रनाम जाप,64 रिद्धि मंत्रों से जाप, भूत ,भविष्यत,वर्तमान चौबीसी के नाम जाप व भक्तामर स्त्रोत्र के 48 काव्यों के रिद्धि मंत्रों के जाप सहित कलशाभिषेक किये गए ।आचार्य श्री के चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन मुनि श्री के पादप्रक्षालन व शास्त्र भेंट का सौभाग्य सागर मल हेमन्त कुमार भगत व टीकम चंद राजेन्द्र कुमार अरिहंत बंसल ने प्राप्त किया।कार्यक्रम का संचालन अशोक सिंहल व अमर चंद चोरुका ने किया ।

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