26 March 2025

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति को दी मंजूरी,10वीं बोर्ड खत्म, एमफिल भी बंद होगा

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दिल्ली/केकड़ी 12 फरवरी (केकड़ी पत्रिका न्यूज) बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी। 36 वर्षों बाद, केंद्र सरकार के कैबिनेट की स्वीकृति के बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति 2020 को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:

शिक्षा संरचना (5+3+3+4 फार्मूला)

5 वर्ष – मूलभूत (फाउंडेशनल) शिक्षा

  1. नर्सरी @ 4 वर्ष
  2. जूनियर केजी @ 5 वर्ष
  3. सीनियर केजी @ 6 वर्ष
  4. कक्षा 1 @ 7 वर्ष
  5. कक्षा 2 @ 8 वर्ष

3 वर्ष – प्रारंभिक (प्रिपरेटरी) शिक्षा

  1. कक्षा 3 @ 9 वर्ष
  2. कक्षा 4 @ 10 वर्ष
  3. कक्षा 5 @ 11 वर्ष

3 वर्ष – माध्यमिक (मिडल) शिक्षा

  1. कक्षा 6 @ 12 वर्ष
  2. कक्षा 7 @ 13 वर्ष
  3. कक्षा 8 @ 14 वर्ष

*4 वर्ष – उच्च माध्यमिक (सेकेंडरी) शिक्षा

  1. कक्षा 9 @ 15 वर्ष
  2. कक्षा 10 (SSC) @ 16 वर्ष
  3. कक्षा 11 (FYJC) @ 17 वर्ष
  4. कक्षा 12 (SYJC) @ 18 वर्ष

*विशेष विशेषताएँ:

० अब केवल 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा होगी।

०10वीं बोर्ड परीक्षा अनिवार्य नहीं होगी।

० एमफिल (MPhil) को समाप्त कर दिया जाएगा।

० कॉलेज की डिग्री 4 वर्ष की होगी।

०अब 5वीं तक की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा में होगी। अंग्रेजी को सिर्फ एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।

० 9वीं से 12वीं तक सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी।

० कॉलेज की डिग्री अब 3 या 4 साल की होगी।

1 साल बाद सर्टिफिकेट

2 साल बाद डिप्लोमा

3 साल बाद डिग्री

4 साल की डिग्री करने वाले छात्र सीधे 1 साल में MA कर सकेंगे।

० MA करने वाले छात्र अब सीधे PhD कर सकेंगे।
० अगर कोई छात्र एक कोर्स के बीच में दूसरा कोर्स करना चाहता है, तो उसे कुछ समय के लिए ब्रेक लेकर ऐसा करने की अनुमति होगी।
० उच्च शिक्षा में प्रवेश दर (GER) 2035 तक 50% करने का लक्ष्य।
० उच्च शिक्षा में कई सुधार किए जाएंगे, जिसमें शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता शामिल होगी।
० ई-कोर्स क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू किए जाएंगे।
० वर्चुअल लैब्स विकसित की जाएंगी।
० राष्ट्रीय शैक्षिक तकनीकी मंच (NETF) की स्थापना की जाएगी।
० देशभर के सरकारी, निजी और डीम्ड संस्थानों के लिए एक समान नियम लागू होंगे।

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