राजस्थान की रंग बिरंगी झांकी ने सभी का मन मोहा- ’पधारों म्हारे देश’ का संदेश देते हुए कर्त्तव्य पथ पर शान से गुजरी

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जयपुर, 26 जनवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर शुक्रवार को 75 वें गणतंत्र दिवस परेड में विकसित भारत में पधारो म्हारे देश का संदेश देते हुए निकली राजस्थान की रंग बिरंगी झांकी ने सभी का मन मोह लिया।राज्यों की झांकियों में सातवें नंबर पर निकली राजस्थान की झांकी विकसित भारत में पधारों म्हारे देश का संदेश देते हुए कर्त्तव्य पथ पर शान से गुजरी । झांकी के दोनों ओर राजस्थान की दस लोक नर्तकियां म्हारी घूमर छे नखराली…..गौर बंद नखरालों…फ्यूजन लोक संगीत की धुन के साथ पारंपरिक नृत्य करते हुए चल रही थी। उनके अलावा झांकी के छत पर छह कलाकारो जिनमें कालबेलिया नर्तकियों के साथ ही रेगिस्तान के जहाज उंट पर सवारी करते महिला एवं पुरुष और राजस्थानी वेशभूषा में दो ग्रामीण महिलाएं कठपुतलियों के करतबों का डांस करा रही थीं।75 वें गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला अन्य अतिथियों तथा दर्शकों ने भारी करतल ध्वनि से झांकी का स्वागत किया।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी गुजराती एवं राजस्थानी बांधनी साफा पहने हुए थे।गुरुवार को सायं की गई अपनी राजस्थान यात्रा की यादों को याद करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने प्रदेश की मनोहारी झांकी के संबंध में जिज्ञासा वश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई सवाल पूछें । प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के साथ अनुवादक की भूमिका निभा रही केंद्रीय विदेश सचिव ने उन्हें झांकी की विशेषताओं के बारे में बताया। विशेष कर झांकी पर बैठी महिलाओं द्वारा प्रदर्शित किए जा रहें कठपुतली नृत्य के बारे में उन्हें जानकारी दी।झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ रजनीश हर्ष ने बताया कि राजस्थान की झांकी प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध संस्कृति, स्थापत्य परंपरा और हस्तशिल्प का सुंदर मिश्रण थी। झांकी में विकसित भारत मेंपधारो म्हारे देश की थीम को सभी ने बहुत पसंद किया है।प्रदेश की कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ के मार्गदर्शन में तैयार हुई इस झांकी को मूर्त रूप देने में इसके फेब्रीकेटर प्रबोध कुमार भटनागर, राजस्थान ललित कला अकादमी के प्रदर्शनी अधिकारी विनय शर्मा के साथ ही झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के प्रदेश के सुप्रसिद्ध घूमर नृत्य का मनोहारी दृश्य देखने लायक रहा। इसमें घूमर करती दस फीट आकार की नर्तकी की मूर्ति के शिल्प को सभी ने सराहा।

घूमर राजस्थान का पारंपरिक और जग प्रसिद्ध नृत्य है जो कि प्रदेश की महिलाओं द्वारा विभिन्न उत्सवों में किया जाता है।

उन्होंने बताया कि झांकी के पिछले भाग में रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले गोरबंद से सुसज्जित ऊँटो को दर्शाया गया। इसके साथ ही झांकी में विशेष राजस्थानी ग्राम्य जन जीवन को भी दर्शाया गया । राजस्थान की इस मनोहारी झांकी के दर्शन और दीदार अब आम लोग नई दिल्ली के लाल किला मैदान में आगामी 31 जनवरी तक चलने वाले भारत पर्व में भी कर सकेगे।

भारत पर्व के अंतर्गत 27 जनवरी को लाल किला प्रांगण में अपरान्ह दो बजे राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। आगामी 29 जनवरी को राजस्थानी संस्थाओं द्वारा भी ऐसे आयोजन प्रस्तावित है। इस मौके पर राजस्थान पर्यटन की प्रदर्शनी स्टाल और फूड कोर्ट भी सजेगा।

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