पर पदार्थों को अपना न मानना ओर उनसे विमुख होकर परिग्रह का त्याग करके निज में स्थित होना ही “उत्तम आंकिचन धर्म” है -बाल ब्रह्मचारी पंडित नीरज भैया
केकड़ी 16 सितंबर (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) पर पदार्थों को अपना न मानना ओर उनसे विमुख होकर परिग्रह का त्याग...