काव्य/शायरी/मुक्तक: बे- वक्त !!
अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब...
अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब...
चित्तौड़गढ़ 20 जनवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज) सिन्धु संस्कृति सर्वगुण सम्पन्न है क्योंकि सिंध की पावन भूमि वैदिक और हिंदू संस्कृति और...
यूं तो जीवन के हर पड़ाव में दोस्त मिलते हैं, कुछ छूट जाते हैं, कुछ गले पड़ जाते हैं। कुछ...
You cannot copy content of this page