1 June 2025

साहित्य,काव्य,व्यंग,कविता,कला,

काव्य/शायरी/कविता: अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस

अरि कहाँ हो रात नींद दिन का चैन मनमीत, आवो भोर की चाय तेरे होंठो से लगा पीते है! तुम...

काव्य/कविता/शायरी:”नई किरण”

माँ आंचल से प्राची में अंशुमाली जाग रहा, अम्बर केसरिया परिधान ओढ इठला रहा! व्योम ललाट सिन्दूर टीका दमक बिखेर...

ऑपरेशन “सिन्दूर”सफल,सिंदूर की कीमत

सफल हैं भारत का ऑपरेशन सिन्दूर , पाकिस्तान पर हो रहे प्रहार बदस्तूर! निहत्थों के तुमने बेवजह पल में प्राण...

शायरी/गजल/काव्य: “सब एक जैसे तो नहीं हो सकते”

सारे के सारे तो यहां कलंदर नही हो सकते,जुदा अंदाज सबका एक से नही हो सकते! कोई थोड़े को बहुत...

विश्व हास्य दिवस : इंसानों की तरह हँसो,

आप कैसे भी हँसो इंसानों की तरह हँसो, सेहत के लिए निहायत जरूरी हैं हँसना! बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना...

काव्य/शायरी/कविता : पहलगाम नर संहार !

लुटे सब हारसिंगार घिनोने आतंकी कहर से, कफ़न लपेट लायी सुहाग जोड़ा कश्मीर से! आंखों के आगे मिटा सुहाग विलाप...

काव्य/कविता/शायरी:”पर वो न मिली”

हम तुम्हारे शहर में आये पर तुम न मिली, मगर तुम हमें वहाँ किसी अक्स में न मिली, कलियों पर...

काव्य/शायरी -“तेरे नयना”

धवल चाँदनी में तारों से तुम्हारे नयन,सीप मौक्तिक से सुनहरे तुम्हारे नयन ! नदिया में किलोल करती मीन से नयन,मेघ...

काव्य/मारवाड़ी शायरी:”धन्धो कर धन जोडल्यो”

धन्धो कर धन जोडल्यो लाखां बीच करोड़,मरती बेलयां मानवी लेसी सूत कनकती तोड़! खाल्यो पिल्यो खरचल्यो करल्यो जीव की सेर,ई...

काव्य/कविता/शायरी:”बाग में पपीहा”

बाग में पपीहा कुंजन कर रहा था ,बावरा मन मिलन को मचल रहा था! शायद वो वहां आयी चहलकदमी को,दीदार...

काव्य/शायरी/कविता:शुष्क तरुवर

शुष्क तरु से लिपटी एक कृशकाय मानवी, निर्निमेष दिगन्ततकती पीताम्बर ओढ़े तन्वी! क्या है अन्तस् रूह छलनी घोर तिमिर छाया,...

काव्य/शायरी/कविता: तेरा दुपट्टा

तेरा दुपट्टा उड़ने दो, चूड़ियों को खनकने दो, नजरें नशीली झुका दो, होंठो पे हंसी बिखरने दो, हवा में जुल्फें...

काव्य/गजल/शायरी: याद बहुत आती

तेरी यादों को अब दिल मे छुपा नही सकता,तेरी भीगी अंगिया बहुत याद आती बरसात में! तेरे गोरे सूर्ख रतनार...

काव्य/शायरी/मुक्तक: बे- वक्त !!

अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब...

चित्तौड़‌गढ़ साहित्य उत्सव – 2025 : सर्वगुण सम्पन्न है सिन्धु संस्कृति – डॉ लाल थदानी

चित्तौड़गढ़ 20 जनवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज) सिन्धु संस्कृति सर्वगुण सम्पन्न है क्योंकि सिंध की पावन भूमि वैदिक और हिंदू संस्कृति और...

व्यंग:गले पड़ने वाले दोस्त (रचनाकार –डॉ मुकेश ‘ असीमित’)

यूं तो जीवन के हर पड़ाव में दोस्त मिलते हैं, कुछ छूट जाते हैं, कुछ गले पड़ जाते हैं। कुछ...

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