काव्य/शायरी/मुक्तक: बे- वक्त !!
अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब...
अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब...
केकड़ी 5 जून (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) श्री सुरेन्द्र दुबे स्मृति संस्थान द्वारा जिले के विश्वविख्यात हास्य कवि एवं संवेदनशल गीतकार...
केकडी 3 जून( केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) कस्बे में स्व. सुरेन्द्र दुबे स्मृति संस्थान द्वारा विश्वविख्यात हास्य कवि एवं संवेदनशील गीतकार...
ये हैं मेरा गांव बघेरा जहा लगता मेरी खुशियों का डेरा। बचपन बीता आई जवानी जाने कितनी खुशियों ने घेरा।।...
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