धनोप माता मन्दिर में 7 बहने विराजित,रोज सवामण फुलो से श्रृगार

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कुशायता 10 अक्टूबर (केकड़ी पत्रिका न्यूज/हंसराज खारोल) निकटवर्ती धनोप माता जी में शारदीय नवरात्र में 12 दिवसीय मेला चल रहा है। यहा पर 2 अक्टूबर अमावस्या को घट की स्थापना के साथ ही शुरू हुआ मेला 13 अक्टूबर तक मेला चलेगा| धनोप माता मन्दिर परिसर में लगे शिलालेख के अनुसार मन्दिर1100 साल पुराना है।टीले की खुदाई में 7 बहनों के साथ धनोप माता प्रकट हुई है| सात बहनों में अष्टभुजा अन्नपूर्णा चामुंडा बीसभुजा महिषासुर मदिनी एवं कालिका रूप में विराजित है|

यह माता की मुर्तिया श्रृंगार के अन्दर विराजित है| 1194 मे पृथ्वीराज चौहान ओर जंयचद ने सभा मंडप ओर एकलिग नाथ की स्थापना कराई थी| धनोप माता जी के मन्दिर में दाधीच परिवार के पुजारी22 पढियो से पुजा आर्चना कर रहा है| मंदिर निर्माण को लेकर अभी तक कोई टोस प्रमाण पत्र नहीं है लेकिन शिलालेख पर व्रिकम संवत912 उल्लेख है| धनोप माता जी के प्रतिदिन श्रृंगार सवामण फुल ओर पाती करते हैं|निज मन्दिर छतरी शिव परिवार है| ब्रह्मा विष्णु महेश व 64 जोगणिया विराजित है|उतर मुख पर ओघडनाथ बालाजी विराजित है|

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