समाचार पत्र में छपी खबर पर प्रसंज्ञान लेते हुए जस्टिस मूलचंदानी ने राजस्थान विश्व विद्यालय को दिए निर्देश, मंदिर के समान पवित्र व सुरक्षित होने चाहिए शैक्षणिक संस्थान-जस्टिस मूलचंदानी
जयपुर 22 अगस्त (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल/डॉ.मनोज आहूजा ) राज्य मानव अधिकार आयाग,जयपुर के चेयरमेन न्यायाधीपति जीआर मूलचंदानी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार में छपी खबर “R U students wear helmets to class as roof plaster falls ” को आधार मानते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर,विभागाध्यक्ष फाइन आर्ट्स, जिला कलेक्टर जयपुर सहित शासन सचिव उच्च शिक्षा राजस्थान सरकार को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया है कि वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए प्रभावी निराकरण करते हुए आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जस्टिस मूलचंदानी ने जारी आदेश में कहा कि शिक्षा स्थल,छात्रों के लिये मन्दिर के समान सुरक्षित व पवित्र प्रांगण माने जाते हैं,जहाँ छात्र निर्बाध, बिना किसी भय के अध्ययन को जाते हैं।राजस्थान विश्वविद्यालय देश व राजस्थान राज्य का प्रतिष्ठित शैक्षणिक विश्वविद्यालय है,जिसमें उच्च श्रेणी की अध्ययन गतिविधियों के साथ ही,स्वच्छ प्रांगण छात्रों के लिये उपलब्ध रहा है और राजस्थान विश्वविद्यालय के कई छात्र विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर पदासीन है और हमारे प्रशासनिक अधिकारियों व न्यायिक अधिकारियों के साथ ही राजनैतिक क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्यरत है।वर्षा ऋतु से,प्रायः जीर्ण-शीर्ण भवन ध्वस्त होकर,गिरने और उससे जनमानस को होने वाली क्षति,की खबरें प्रसारित व प्रकाशित होती रहती हैं परन्तु आज के “टाईम्स ऑफ इण्डिया” समाचार पत्र व अन्य सभी समाचार पत्रों के अंक में, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों द्वारा हेलमेट पहनकर, कक्षाओं में अध्ययन करने के गम्भीर चित्र प्रकाशित हुये हैं और यह समाचार प्रकाशित हुआ है।
इसके विवरण के अनुसार,राजस्थान विश्वविद्यालय के Fine Arts department के भवन की स्थिति,गम्भीर रूप से जीर्ण-शीर्ण हो गई है,जिसमें प्लास्टर आदि छात्रों पर गिरता रहा है,जिसकी शिकायत भी विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों द्वारा की गई है परन्तु कोई प्रभावी कार्यवाही ना कर,क्षतिग्रस्त भवन को ठीक नहीं कराया गया है,जिससे छात्र भय के साथ ही कतिपय घटना की आशंकास्वरूप हेलमेट पहनकर कक्षायें ले रहे हैं।इसे गंभीर मामला मानते हुए राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने प्रकरण में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए उक्त आदेश पारित किया।