संसार रूपी समुद्र में डूबने वाले जीव के लिए भगवान नौका के समान है — मुनि सुश्रुत सागर
केकड़ी 21अगस्त (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) दिगम्बर जैन मुनि सुश्रुत सागर महाराज ने कहा कि लोहा पारस पत्थर के छूने पर सोना बन जाता हैं। अष्ट कर्मों से रची निज चेतन आत्मा का कल्याण तभी होगा जब भगवान के गुणों का, उनके चरित्र को भावों द्वारा स्मरण से हमारी भावनाएं भी पवित्रता को, अच्छाईयों को प्राप्त करती है, स्वच्छता को प्राप्त करती है। मुनिराज चंद्रप्रभु चैत्यालय में वर्षायोग के लिए विराजित हैं।
आयोजित धर्मसभा में प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने पर , अच्छे मार्ग पर चलने पर बहुत सी परेशानियां आती है, विध्न आते हैं। जो कि हमें धर्म मार्ग से हटाने की स्थिति भी पैदा कर सकते हैं एवं और अधिक दृढ़ता से जुटे रहने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं। ऐसे विध्नों से बचने के लिए बुद्धि पूर्वक सद्ज्ञान का उपयोग करना चाहिए। मन में उठने वाले संक्लेश परिणामों ,कषायो में पुरूषार्थ एवं सही चिंतन द्वारा समीचीन मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। यह ही सभी विकल्पों से रहित करके सभी कार्यों, भावनाओं को सन्मार्ग के लिए सुदृढ़ करेगा।
मुनिराज तेईस अगस्त को पार्श्वनाथ भगवान के मोक्ष कल्याण महोत्सव के प्रसंग स्वरूप उनके चरित्र को कथानक के माध्यम से समझा रहे हैं उन्होंने कहा कि भगवान पार्श्वनाथ का जीवन चरित्र बहुत ही महत्वपूर्ण, मार्मिक और चिंतन के योग्य है। महापुरुषों के जीवन में आने वाली कठिनाईयों , उपसर्गों को वे ज्ञान द्वारा अपने ही पूर्वोपार्जित कर्मों का उदय जानकर समभाव रखते हुए शांत रहते हैं, और अपने कर्मो का क्षय करते है। पार्श्वनाथ भगवान सभी संसारी जीवों का कल्याण करने वाले हैं। भगवान ने सभी पापों और कर्मों का क्षय किया है। साधु का जीवन बहुत ही मर्यादा,,उदार चरित्र, गंभीर होता है। भगवान के चरण कमल लोक में वंदनीय होते हैं सभी जीवों को सुख शांति समृद्धि देने वाले होते हैं। संसार रूपी समुद्र में डूबने वाले जीव के लिए भगवान नौका के समान है।
दिगम्बर जैन समाज एवं वर्षायोग समिति के प्रवक्ता नरेश जैन ने बताया कि मुनिराज के प्रवचन से पहले चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन एवं मुनि सुश्रुत सागर महाराज के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य राजीव कुमार नीलेश कुमार पाण्डया परिवार को मिला। मंगलाचरण पायल पाण्डया ने किया।
मुनिराज के प्रवचनों से पूछे गये प्रश्नों के सही उत्तर देने वालों को पुरस्कृत किया गया।