पुष्कर में अ.भा. हेड़ा संगठन का दो दिवसीय आयोजन संपन्न

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केकड़ी/पुष्कर ,20अगस्त (केकड़ी अत्रिका न्यूज पोर्टल) धार्मिक और जगत पिता ब्रह्मा जी की पवित्र नगरी पुष्कर में 19 और 20 अगस्त को अखिल भारतीय हेड़ा (माहेश्वरी) संगठन की कार्यकारिणी बैठक व भव्य सावन स्नेह महोत्सव संपन्न हुआ। इस आयोजन में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान समेत देशभर से 300 से ज्यादा हेड़ा बंधु सपरिवार शामिल हुए। 

इन्होंने की कार्यक्रम की अध्यक्षता: कार्यक्रम की अध्यक्षता राम कुमार भूतड़ा थे और रमेश कुमार छापरवाल ने विशिष्ट अतिथि पद की शोभा बढ़ाई। आयोजन में अ.भा. माहेश्वरी सेवा सदन के प्रमुख रामकुमार भूतड़ा ने कहा कि आशा करता हूं कि आपका ये संगठन समाज के लिए नींव का पत्थर होगा। हम समाज के अभिन्न अंग है। करेंगे वो ही जो हमारा समाज चाहता है। लेकिन छोटी इकाइयों को मजबूत करके ऐसा करेंगे।

भामाशाह का किया सम्मान: इस दौरान 40 से ज्यादा वरिष्ठजनों एवं युगल दंपतियों और समाज की प्रतिभाओं का अभिनंदन एवं भामाशाहों का विशेष सम्मान किया गया। माहेश्वरी सेवा सदन में इस कार्यक्रम की व्यवस्था हनुमान प्रसाद हेड़ा के नेतृत्व में राजस्थान जोन की टीम ने बेहद शानदार तरीके से संभाली। पूरा आयोजन आत्मीय और व्यवस्थित तरीके से हुआ जिसने सभी बंधुओं में नई ऊर्जा और जोश भरने का काम किया।

अनेक हुए कार्यक्रम आयोजित: कार्यक्रम के संचालक व सचिव केएम हेडा ने बताया कि 19 अगस्त को संगठन की केंद्रीय कार्यकारिणी, ट्रस्टियों एवं मातृशक्ति की मीटिंग हुई। इसकी अध्यक्षता संगठन प्रमुख प्रहलाद राय हेड़ा और संचालन महासचिव डॉ. जीएल हेड़ा ने किया। इसमें माहेश्वरी समाज और हेड़ा संगठन को मजबूती देने के लिए ट्रस्ट, भागीरथ अमृत कलश और माहेश्वरी समाज से जुड़े विभिन्न सेवाकार्यों को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके अपरांत शाम को सुमधुर भजन संध्या और अगले दिन लकी ड्राॅ का विशेष आयोजन किया गया। 

संगठन के सचिव जीएल हेड़ा ने बताया कि कि हेड़ा बंधुओं का यह संगठन माहेश्वरी समाज को मजबूत बनाने का कार्य कर रहा है। पिछले 5 वर्षों से विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से सकारात्मक कार्य किए जा रहे हैं। संगठन के माध्यम से दुनियाभर के माहेश्वरी बंधु एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं और एक-दूसरे के सहायक बन रहे हैं।

संस्कार विहीन समाज और परिवार ज्यादा दिन नहीं टिकता : विशिष्ट अतिथि रमेश कुमार छापरवाल ने अपने उद्बोधन में 2 बड़े आह्वान किए। उन्होंने कहा कि मेरा पहला आह्वान संस्कृति और धर्म को बचाना है। हमारी माहेश्वरी जाति दुनिया की सर्वश्रेष्ठ जाति है, लेकिन अब तेजी से स्थितियां बदल रही। परिवेश बदल रहा। रोजगार के साधन बदल गए। पहले जैसा प्रवास, साहूकारी और कृषि व्यवसयाय करते थे, पर अब ऐसा नहीं रहा। अब महाजनों की पहले जैसी पैठ नहीं रही। अपने धरातल को तलाश कर पूर्व स्थिति को लाना पड़ेगा। हमारी संस्कृति पर, हमारे त्योहारों पर हमला हो रहा। संस्कार विहीन समाज और परिवार ज्यादा दिन नहीं टिकता। अपनी संस्कृति और अपनी विरासत को जीवित रखिए, इसी से समाज, परिवार और देश बचेगा।

छापरवाल जी ने कहा कि, हमारी जाति नगण्य होती जा रही, रिश्ते गौण होते जा रहे। मेरा निवेदन है कि मातृशक्ति कम से कम 3 संतानों को जन्म दें। तभी हम माहेश्वरी समाज का जींस जिंदा रहेगा। व्यक्ति पहले देश, समाज और फिर परिवार की ओर देखता है। इन सब कड़ियों को मजबूत बनाने के लिए हेड़ा संगठन जैसे प्रकल्पों का बहुत बड़ा योगदान है। हमारा माहेश्वरी समाज के सभी जन इससे प्रेरणा ले। हम समाज और इसके अनुषांगिक संगठनों को मजबूत बनाएं।

विश्व में माहेश्वरी एक नंबर की जाति है, इसे बचाए और बढ़ाएं

कार्यक्रम के अध्यक्ष रामकुमार जी श्री भूतड़ा ने कहा कि मेरा हेड़ा संगठन से विशेष संबंध है। संगठन के संस्थापक स्व. भागीरथ जी हेड़ा को याद करके आंखे नम हो जाती है। उनका गजब का रुआब था। मेरी मां बदाम देवी हेड़ाओं की बहादुर बेटी थी। हमारे पूर्वज हमारे गौरव थे। राजस्थान से बाहर माहेश्वरी समाज के जितने भी लोग बाहर गए उन्होंने गौरव और सम्मान कमाया। श्रेष्ठतम पदों पर पहुंचे। आपने यहां बुजुर्गों और सभी समाजजनों का सम्मान किया। ये वास्तव में बहुत बड़ी बात है। घर और समाज में सम्मान से ही सम्मान उपजता है।

भूतड़ा ने कहा कि संपूर्ण विश्व में माहेश्वरी एक नंबर की जाति और समाज है। स्वयं प्रधानमंत्री हमारे समाज के बारे में कहते हैं कि आप माहेश्वरी तो देश के दाता हो। जिनके घर से कोई खाली हाथ नहीं जाता। एक माहेश्वरी 100 के बराबर है। लेकिन, हम अपनी जमीन खोते जा रहे हैं। हमारे परिवारों रूपी तिजाेरी के ताले बहुत मजबूत होने चाहिए। अपनी बेटियों को अपने समाज में ब्याह करिए। बच्चों की संख्या बढ़ाइये। अगर हम आज नहीं जागे तो 40 साल बाद सब खत्म हो जाएगा। हम कर्मवीर बने रहें। हमारे समाज के संस्कार स्वयं के अंदर बने रहे। पुष्कर में इस कार्यक्रम को भगवान ब्रह्मा का आशीर्वाद है। मैं अखिल भारतीय हेड़ा संगठन के लगभग सभी आयोजनों में आया हूं। मुझे हेड़ा संगठन के कार्यक्रम में आकर अभिभूत महसूस करता हूं। यहां आकर मेरी थकान दूर हो जाती है। मैं आह्वान करता हूं कि हम अपने घर – परिवार को संभालों, समाज काे संभालो। तभी देश बचेगा। पढ़ाई लिखाई के चक्कर के में अपने परिवारों को बर्बाद न करें। मेहनत करें, अच्छे संस्कार रोपें। अच्छे काम करें। पैसा कमाओं, पर परिवार को सर्वोपरि रखों, संस्कारों को सीचें।

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