सकल जैन समाज ने आचार्य कामकुमार नंदी महाराज के हत्यारों को कठोरतम दंड देने की मांग सहित जैन मुनियों को सुरक्षा देने की मांग की इस हेतु दिया ज्ञापन
केकड़ी 14 जुलाई (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) सकल जैन समाज के तत्वावधान मे कर्नाटक प्रांत के चिक्कोडी जिले के हीरेखोडी ग्रामीण इलाके में नन्दी पर्वत स्थित पार्श्वनाथ जैन गुरूकुल आश्रम के प्रेरणा स्त्रोत आचार्य कामकुमार नंदी महाराज का अपहरण और जधन्य हत्या करने के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए केकड़ी उपखंड अधिकारी विकास कुमार पंचोली को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री भारत-सरकार मुख्यमंत्री कर्नाटक एवं मुख्यमंत्री राजस्थान के नाम ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में बताया गया है कि आचार्य कामकुमार नंदी महाराज का पिछले दिनों पांच जुलाई को कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर मुनिराज की जधन्य तरीके से शरीर के बहुत से टुकड़े टुकड़े कर हत्या कर दी। यह बात सात जुलाई को सवेरे TV 9 की न्यूज द्वारा सामने आई।जैन समाज को स्तब्ध कर देने वाली धटना से पूरे देश विदेश की जैन समाज आक्रोशित हैं। इस निर्मम हत्या के दो आरोपी गिरफतार हो गये है लेकिन अभी बाकी के आरोपी गिरफतार नहीं हुए हैं।
इस कारण जैन समाज द्वारा निवेदन किया गया है कि पकड़े गए दोनों आरोपियों को एवं फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर शीध्र न्याय द्वारा कठोरतम दण्ड दिलाया जाये। साथ ही ऐसी घटनाएं पुनः नहीं होवे इस हेतु जैन धर्म,जैन समाज, जैन तीर्थक्षेत्र, जैन संतों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था होवे। साथ ही भविष्य में सभी को सुरक्षा देने के लिए एक संरक्षण बोर्ड की स्थापना हो एवं केन्द्र सरकार द्वारा सभी राज्यों के अल्प संख्यक आयोगों में जैन सदस्य और जैन कल्याण बोर्ड का गठन किया जावे।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से कैलाश चंद सोनी, भंवरलाल बज, जितेन्द्र सिंधवी, खेमचंद तातेड, कैलाश चंद सोनी मेवदांवाले, नरेन्द्र गदिया,सुभाषचंद कटारिया,शांतिलाल चोरुका, भागचंद जैन धूंधरी वाले, महावीर मित्तल रामथला वाले, प्रो.के.सी.जैन, चांदमल जैन पारा वाले, सुभाषचंद भाल,जय प्रकाश भाल पदमचंद कटारिया प्राहेडा वाले, अनिल मित्तल, मुकेश जैन,मनोज पाण्डया, महेन्द्र धम्माणी, लाभचंद धूपिया ,नरेश जैन,ज्ञाता गदिया, महेन्द्र पाटनी,दीपक मित्तल सहित सकल जैन समाज के सैंकड़ों समाजजन महिला पुरूष उपस्थित थे।
दिगम्बर जैन समाज एवं वर्षायोग समिति के प्रचार मंत्री नरेश जैन ने बताया कि चंद्रप्रभु चैत्यालय में वर्षायोग के लिए विराजित मुनि सुश्रुत सागर महाराज ससंध ने इस दुःखद धटना पर बेहद दुख प्रकट करते हुए सकल जैन समाज को एकत्रित होकर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के स्तर पर आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। मुनि सुश्रुत सागर में ने कहा कि इस प्रकार का कृत्य अतिक्रूरता के भाव परिणाम असामाजिक तत्वों का कार्य है। जो कि अत्यंत ही ह्वदय विदारक धटना है। यह क्षमा योग्य नहीं है। आचार्य कामकुमार नंदी महाराज की प्रेरणा से बने गुरूकुल में ग्रामीण एवं क्षेत्र के पिछड़े वर्ग के विधार्थियों को निशुल्क शिक्षा एवं भोजनादि का कार्य संचालित किया जा रहा था।