आसींद में फूटा सकल हिंदू समाज का गुस्सा: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ निकाला आक्रोश मार्च, फूंका पुतला
आसींद 25 दिसम्बर (केकड़ी पत्रिका/विजयपाल सिंह राठौड़) आसींद (भीलवाड़ा)। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे निरंतर हमलों, मंदिरों में तोड़फोड़ और इस्कॉन (ISKCON) से जुड़े घटनाक्रमों के विरोध में आज आसींद कस्बे में सकल हिंदू समाज का जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
बड़े मंदिर से गांधी चौक तक गूंजे नारे
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कस्बे के बड़े मंदिर से हुई, जहाँ भारी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक एकत्रित हुए। यहाँ से एक विशाल आक्रोश रैली निकाली गई, जो कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए गुजरी। रैली में शामिल युवा और महिला कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए बांग्लादेश में कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे।
पुतला दहन कर जताया रोष
रैली जब कस्बे के गांधी चौक पहुँची, तो वहाँ कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और बांग्लादेश के शासन प्रमुख का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में सोची-समझी साजिश के तहत हिंदू समाज को डराया जा रहा है, जिसे अब और सहन नहीं किया जाएगा।
प्रमुख पदाधिकारियों की रही मौजूदगी
इस विरोध प्रदर्शन में संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शिरकत कर समाज का नेतृत्व किया, जिनमें मुख्य रूप से शामिल थे:विश्व हिंदू परिषद: जिला उपाध्यक्ष सुशीला माली, जिला मंत्री अभिषेक सरवा, जिला सामाजिक समरसता प्रमुख नकुल सोनी।बजरंग दल: जिला सह संयोजक अनिल वैष्णव, प्रखंड सह संयोजक आयुष लक्षकार, प्रखंड बालोपासना केंद्र प्रमुख लोकेश शर्मा।दुर्गा वाहिनी: जिला संयोजिका जय श्री वैष्णव, शक्ति सदना केंद्र प्रमुख आयुषी माली।नगर टोली: नगर संयोजक दिग्विजय सिंह, सह संयोजक बाल किसन सेन, और चोटियास नगर अध्यक्ष रतन वैष्णव।
भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और मंदिरों पर हमले तुरंत नहीं रुके, तो आंदोलन को देशव्यापी स्तर पर और अधिक उग्र किया जाएगा। सकल हिंदू समाज ने भारत सरकार से इस मामले में कड़ा हस्तक्षेप करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाने की मांग की।पूरे प्रदर्शन के दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रहा। कस्बे के व्यापारियों और आमजन ने भी इस विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया।
