आसींद पटवार संघ उपशाखा चुनावः महिपाल सिंह तंवर सर्वसम्मति से बने अध्यक्ष, सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन
आसींद 13 दिसम्बर (केकड़ी पत्रिका/विजयपाल सिंह राठौड़) महिपाल सिंह तंवर आसींद पटवार संघ उपशाखा के अध्यक्ष चुने गए।आसींद पटवार संघ उपशाखा के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए, जिसमें सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। महिपाल सिंह तंवर को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।यह चुनाव प्रक्रिया निर्वाचन अधिकारी सोहनलाल कुमावत और भू-अभिलेख निरीक्षक अशोक पारीक के निर्देशन में आयोजित की गई। उपशाखा के सभी पदाधिकारियों का चयन बिना किसी विरोध के हुआ।
चुनाव परिणामों के अनुसार, महिपाल सिंह तंवर अध्यक्ष निर्वाचित हुए। भूपेन्द्र सिंह राठौड़ को उपाध्यक्ष, नारायण लाल कुमावत को मंत्री, संगीता कीर को संयुक्त मंत्री, निर्मल सिंह चुंडावत को संगठन मंत्री और धर्मीचंद्र कुमावत को कोषाध्यक्ष चुना गया।इस निर्विरोध निर्वाचन पर उपस्थित पटवारियों ने नव-निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद जताई।

नवनियुक्त पटवार संघ के अध्यक्ष महिपाल सिंह तंवर ने कहा कि मैं पटवारियों के हितों पर विशेष: संगठन की मज़बूती और चुनौतियों का समाधान करूंगा आसींद पटवार संघ उपशाखा का निर्विरोध चुनाव एक सकारात्मक संकेत है जो दर्शाता है कि पटवार समुदाय अपने सामूहिक हितों को लेकर एकजुट है। महिपाल सिंह तंवर के नेतृत्व में चुनी गई नई कार्यकारिणी पर पटवारियों के कल्याण और उनकी कार्य-संबंधी चुनौतियों के समाधान की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी होगी।
मुख्य फोकस क्षेत्र: पटवारी हितों को प्राथमिकता
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे पटवारियों के सामने आने वाली प्रमुख समस्याओं और मांगों को प्रभावी ढंग से उठाएँगे। पटवारियों के हितों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू जिन पर संगठन को ध्यान देना चाहिए, वे निम्नलिखित हैं:
1.वेतन और भत्ते में सुधार की मांग:
पटवारियों के लिए वर्तमान वेतनमान को उनके कार्य की जटिलता और कार्यभार के अनुपात में संशोधित करवाना।चुनौती: पटवारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक कार्यभार, जैसे कि राजस्व संबंधी कार्य, चुनाव ड्यूटी, आपदा प्रबंधन और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, को देखते हुए उनका वेतन अक्सर अपर्याप्त माना जाता है।
2.कार्यभार का युक्तिकरण की मांग:
एक पटवारी के पास मौजूद हल्कों (क्षेत्रों) की संख्या को कम करना, जिससे वे प्रत्येक कार्य को कुशलता और समय पर पूरा कर सकें।चुनौती: कई पटवारियों को एक से अधिक हल्के का अतिरिक्त प्रभार संभालना पड़ता है, जिससे कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है और उन पर तनाव बढ़ता है।
3.तकनीकी संसाधन और प्रशिक्षण की मांग:
आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड प्रबंधन और ई-गवर्नेंस के लिए आवश्यक लैपटॉप, प्रिंटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसे पर्याप्त उपकरण उपलब्ध कराना।लाभ: नवीनतम सॉफ्टवेयर और प्रक्रियाओं में नियमित प्रशिक्षण से पटवारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और जनता को बेहतर सेवा मिलेगी।
4.पदोन्नति के अवसर की मांग:
पटवारियों के लिए भू-अभिलेख निरीक्षक (GIR) और उच्च पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना।