कुशायता–गोरधा–पिपलाज–आमली क्षेत्र में यूरिया खाद का गंभीर संकट, किसान बेहाल नहर में पानी,लेकिन खाद नहीं,फसलों की पिलाई अटकी
कुशायता, 13 दिसम्बर (केकड़ी पत्रिका/ हंसराज खारोल) ग्राम पंचायत कुशायता, गोरधा, पिपलाज एवं आमली क्षेत्र में इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत से किसान गंभीर संकट में आ गए हैं। रबी फसलों की पिलाई का समय चल रहा है, लेकिन आवश्यक यूरिया खाद उपलब्ध नहीं होने से किसानों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। ग्राम सेवा सहकारी समिति गोरधा–कुशायता–आमली–पिपलाज ग्राम सेवा सहकारी समिति पर पिछले कई दिनों से किसान लगातार चक्कर काट रहे हैं, मगर गोदामों में यूरिया नहीं होने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इससे किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
ग्राम पंचायत गोरधा मुख्यालय के गोरधा ग्राम सेवा सहकारी समिति के उपाध्यक्ष गोपाल मीणा, पूर्व सरपंच गंगाराम मीणा, भवानीराम मीणा, सोहन मीणा, हेमराज दरोगा, रामेश्वर दरोगा, ओमप्रकाश मीणा, रवि वैष्णव, रमेश सेन, रणजीत कुमावत, देवकिशन गुर्जर, मानसिंह मीणा, मेवालाल मीणा, मुलचंद बलाई, महावीर मीणा, भोलू मीणा, शिवराज मीणा, मोहन बलाई सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि कई दिनों से समिति में यूरिया के लिए आ रहे हैं, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लग रही है।किसानों का कहना है कि फसलों के महत्वपूर्ण विकास चरण पर यदि समय पर यूरिया नहीं मिला, तो उत्पादन पर भारी असर पड़ेगा और मेहनत पर पानी फिर जाएगा।

खाद का अभाव
किसानों ने बताया कि बिसुदनी बांध की दाईं मुख्य नहर एवं बाईं नहर 19 नवंबर 2025 को खोली गई, जिससे सरसों व गेहूं की फसलों की पिलाई के लिए नहरों में पानी छोड़ा गया है। ऐसे समय में यूरिया खाद की मांग चरम पर है, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण समितियों तक खाद नहीं पहुंच पा रही है।
किसानों की मांग
किसानों ने प्रशासन एवं कृषि विभाग से मांग की है कि गोरधा, पिपलाज, कुशायता एवं आमली ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर तत्काल पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध करवाई जाए, ताकि रबी फसलों की पिलाई समय पर हो सके और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।