कुशायता,गोरधा,पिपलाज ग्राम सेवा सहकारी समिति पर डीएपी एवं यूरिया खाद का टोटा, किसान परेशान
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कुशायता 09 नवम्बर केकड़ी पत्रिका/हंसराज खारोल) ग्राम पंचायत कुशायता, गोरधा एवं पिपलाज क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई शुरू होने के बाद भी डीएपी एवं यूरिया खाद के लिए दर दर की ढोकरे ढोकरे खाने पर मजबूर होना पड रहा है, लेकिन इस बार किसानों को डीएपी एवं यूरिया खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
गोरधा ग्राम सेवा सहकारी समिति पर डीएपी एवं यूरिया खाद की अनुपलब्धता के चलते किसानों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं।गोरधा ग्राम सेवा सहकारी समिति के उपाध्यक्ष गोपाल मीणा, पूर्व सरपंच गंगाराम मीणा, भवानीराम मीणा, हेमराज दरोगा, रामेश्वर दरोगा, ओमप्रकाश मीणा, रवी वैष्णव, रमेश सेन, रणजीत कुमावत, देवकिशन गुर्जर, मानसिंह मीणा, मेवालाल मीणा, मुलचंद बलाई, महावीर मीणा, भोलू मीणा व शिवराज मीणा सहित अनेक किसानों ने बताया कि वे कई दिनों से समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन डीएपी एवं यूरिया खाद नहीं मिलने से वे खाली हाथ लौट रहे हैं। किसानों की पीड़ाग्राम पंचायत गोरधा के पूर्व सरपंच गंगाराम मीणा (निवासी – गोरधा) ने कहा – “ग्राम सेवा सहकारी समिति पर डीएपी एवं यूरिया खाद खत्म हो चुका है। हम लोग हर रोज चक्कर लगाते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
सावरा दरोगा और सावरा मीणा ने बताया –“रबी फसल की बुवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन बिना डीएपी एवं यूरिया खाद के बुवाई अधूरी रह रही है। समय पर डीएपी एवं यूरिया खाद नहीं मिली तो फसल पर असर पड़ेगा।”
समिति प्रशासन का पक्षहरि सिंह मीणा, सहायक व्यवस्थापक, ग्राम सेवा सहकारी समिति गोरधा ने बताया कि “डीएपी खाद के लिए 17 सितंबर और 29 सितंबर को डिमांड भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक खाद की गाड़ी नहीं आई है। जैसे ही खाद पहुंचेगी, किसानों को वितरण किया जाएगा।”
डीएपी एवं यूरिया खाद की आपूर्ति में देरी से किसान गंभीर संकट में हैं।जहां एक ओर किसान बुवाई के लिए खेतों में जुटे हैं, वहीं खाद की अनुपलब्धता ने उनकी मेहनत पर पानी फेरने जैसा हाल कर दिया है।प्रशासन एवं कृषि विभाग को तत्काल हस्तक्षेप कर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि किसान रबी फसलों की बुवाई समय पर पूरी कर सकें।