आदिपुरूष फिल्म को लेकर लोगों में नाराजगी, बताया परंपराओं और संस्कृति के लिए घातक
बघेरा 19 जून (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) पिछले दिनों आदिपुरुष नामक फिल्म बनाई गई जिसमे फिल्मकार द्वरा रामायण और भगवान राम,माता सीता और हनुमान जी के चरित्र को जिस प्रकार से दर्शाया गया है उसको लेकर रिलीज होने के साथ ही विवाद में आ गई।फिल्म को लेकर बताया जाता है कि फिल्म जिस प्रकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भगवान राम, माता सीता और हनुमान के गैर परंपरागत और गैर सांस्कृतिक,गैर धार्मिक तरीके से लोगों की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाने वाले चित्र, वेशभूषा, चित्रांकन और डायलॉग को दर्शाया जा रहा है उनको लेकर काफी लोगो में नाराजगी है। सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, युटुब, व्हाट्सएप पर यह बहुत ट्रॉल हो रही है।
जब इस बारे में बघेरा कस्बे के आम नागरिको से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रामायण पर रामानंद सागर ने भी सीरियल बनाया लेकिन उसमें हिंदू समाज की भावनाओं का ख्याल रखा गया और गरिमामय चारित्रिक चित्रण किया गया था लेकिन इस फिल्म में आदि पुरुष में हिंदू समाज की परंपराओं का मजाक उड़ाया गया है।
इस फिल्म को लेकर इनका कहना है कि….
“आदि पुरुष मूवी में जिस प्रकार से रामायण दिखाई गई है उसकी हम निंदा करते हैं रामानंद सागर की रामायण भारतीय समाज के लिए आदर्श और इस फिल्म ने सनातन संस्कृति को नष्ट करने का काम किया है यह भारतीय संस्कृति के लिए हितकर नहीं है हम इसका पूर्णतया विरोध करते हैं इस पर पाबंदी लगनी चाहिए”_ संदीप पाठक, पंचायत समिति सदस्य केकड़ी
“इस मूवी में राम सीता और हनुमान जी को जिस रूप में दिखाया गया है जिस वेशभूषा में उनका दर्शाया गया है वह किसी भी रूप में सनातन संस्कृति का प्रतीक नहीं हो सकती इसका बहिष्कार होना चाहिए।इसे आधुनिक पीढ़ी पर भारतीय संस्कृति और रामायण के पात्रों के प्रति एक नकारात्मक सोच उत्पन्न होगी।”_घनश्याम जांगिड़, ग्रामीण बघेरा
“इस फिल्म में रामायण के पात्र श्रीराम , श्रीहनुमान, माता सीता के संवाद एवम वेशभूषा रामचरित्र मानस से मेल नही खाते है। रामानंद सागर की रामायण से भी अलग ही । कुल मिलाकर भारतीय संस्कृति के अनुरूप नही है। _दिनेश चतुर्वेदी सदस्य जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अजमेर।
“आदि पुरुष फिल्म ने भारतीय संस्कृति पर बहुत बड़ा गहरा आघात किया है और भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का कार्य किया है रामायण के पात्रों उनके डायलॉग उनकी वेशभूषा किसी भी रूप में भारतीय संस्कृति का प्रतीक नहीं हो सकती ।सरकार को इस फिल्म पर पूर्णतया पाबंदी लगानी चाहिए।”_ सत्यनारायण गुर्जर ब्राह्मणी माता भाजपा मंडल अध्यक्ष