14 October 2025
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  • अमर शहीद शंकर सिंह राजकीय बालिका विद्यालय की बदहाली ने हिला दिया जनमानस को।

अराई 29 जुलाई (केकड़ी पत्रिका /संजीव पाराशर) भोगादीत के अमर शहीद शंकर सिंह राजकीय बालिका विद्यालय की हालत इन दिनों इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां पढ़ने वाली बच्चियों की जान हर रोज़ खतरे में पड़ती जा रही है। स्कूल की इमारत इतनी कमजोर हो चुकी है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। मंगलवार को स्थिति का जायज़ा लेने जब ग्रामवासी और प्रशासक विद्यालय पहुंचे तो आंखों में आंसू आ गए।

टूटी पट्टियाँ, दरारों से भरी दीवारें और छत से टपकता पानी देखकर हर किसी का दिल दहल उठा। विद्यालय में कुल 5 कमरे पिछले दो वर्षों से पूरी तरह बंद पड़े हैं। इन कमरों की पट्टियाँ टूट चुकी हैं और उनका उपयोग करना अत्यंत जोखिमभरा है। जो कमरे अभी उपयोग में हैं, उनकी छतें भी बारिश में टपकने लगती हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई तो प्रभावित होती है, साथ ही जान का खतरा भी मंडराता रहता है। ऐसी डरावनी स्थिति को लेकर अभिभावकों और ग्रामीणों में गहरी चिंता व्याप्त हो गई है। ग्रामवासियों और स्कूल स्टाफ ने एकत्र होकर इस गंभीर समस्या को लेकर प्रशासक उषा भगवत सिंह से अनुरोध किया कि तत्काल प्रभाव से बच्चों के लिए सुरक्षित व्यवस्था की जाए।

प्रशासक उषा भगवत सिंह ने ग्रामीणों की बात को गंभीरता से लिया और तुरंत पंचायत भवन के उपयोग की अनुमति प्रदान की ताकि बच्चियों की पढ़ाई बाधित न हो। इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ रसीद मोहम्मद ने भी समसा के कनिष्ठ अभियंता से संपर्क कर जर्जर स्कूल के स्थान पर नई इमारत निर्माण की रिपोर्ट अधिकारियों को भिजवाने की मांग रखी। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक नई इमारत नहीं बन जाती, तब तक बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा में कोई समझौता नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासक ने आश्वासन दिया कि आगामी शनिवार को ग्रामवासियों और स्कूल स्टाफ के साथ केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय विधायक से मिलकर इस मुद्दे को सरकार तक पहुचाने का प्रयास करेंगे। विद्यालय की जर्जर हालत और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों के मन में भय व्याप्त है।

हर किसी की जुबान पर यही सवाल है …कि अगर हमारी बेटियों के साथ कोई हादसा हो गया तो हम किसका मुंह देखेंगे। इस चिंता ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि सरकार और प्रशासन उनकी पुकार को सुनेगा और जल्द ही अमर शहीद शंकर सिंह विद्यालय को एक नई, सुरक्षित और सुदृढ़ इमारत मिलेगी, जिससे गांव की बेटियाँ निडर होकर शिक्षा की ओर अग्रसर हो सकें।

इस दौरान प्रधानाचार्य ओमप्रकाश लक्षकार, मंजू कंवर, रामावतार शर्मा, मधु चौधरी, हरिराम, चन्द्रशेखर शर्मा, भँवर सिंह, चंदू वैष्णव, ग्यारसीलाल, मुन्ना खान, रामजीलाल, सुमेर सिंह, कानाराम, हरिराम, राधामोहन, साकिर सहित कई अभिभावक व विद्यालय स्टाफ मौजूद रहे।

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