अनुराग करना है तो अपने गुरु से,ईश्वर से,भगवान से अनुराग कीजिये-गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी

केकड़ी 19 अप्रैल (केकड़ी पत्रिका/अंबालाल गुर्जर) शहर में नेमिनाथ जैन मंदिर के समीप शिवम वाटिका में चल रहे प्रवचन के दौरान गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने कहा कि राग, पाप बन्ध का कारण है जबकि अनुराग आत्मा को परमात्मा से मिलाने का साधन है ।
इनसे करो अनुराग
आप अपने पुत्र से,पत्नी से ,माँ से पिता से परिवार से असीम राग करते है, उनके लिए दिन रात मेहनत करते है, सुबह से शाम तक ग़लत कार्य भी करके उनके लिए धन कमाते है ताकि वो खुश रह सके ।यही कारण है कि आप पाप का बंध कर रहे है ।जिस राग के कारण आप पाप कर रहे है वही राग आपके लिए नरक का रास्ता तय कर रहा है ।
करना है तो अनुराग कीजिये अपने गुरु से, ईश्वर से, भगवान से अनुराग कीजिये ।
जितना राग अपने परिवार से करते है उतना अनुराग भगवान महावीर से करेंगे तो आपके जीवन का भव पार निश्चित है ।उन्होंने कहा कि प्रातः जिनाभिषेक,शांति धारा, जिनेन्द्र अर्चना,एवं धार्मिक क्रियाएं आर्यिका ससंघ के सानिध्य में सम्पन्न हुए ।
इनको मिला शांति धारा करने का सौभाग्य:
पारस मल महावीर प्रसाद बघेरा वाले व ओमप्रकाश गोविंद कुमार राजकुमार सदारा परिवार ने प्राप्त किया ।भगवान महावीर व आचार्यों के चित्र अनावरण ,दीप प्रज्जवलन व आर्यिका माताजी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य भाग चंद विजय कुमार धुंधरी को प्राप्त हुआ।शास्त्र भेंट शुभकामना परिवार के सिद्ध ग्रुप ने किया और आर्यिका माताजी के सानिध्य में प्रियंका दीदी ने आनन्द यात्रा सम्पन्न की
समाज के अध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ज्वैलर्स व मंत्री कैलाश चंद जैन मावा वालों ने बताया कि मंदिर में अतिशयकारी मनवांछित फलदाता हर कष्ट निवारक मुनिसुव्रतनाथ भगवान की लाइव शांतिधारा आर्यिका माताजी के मुखार बिंद से की गई जिसका लाइव प्रसारण किया गया ।संचालन कपिल शास्त्री ने किया ।