24 December 2025
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अजमेर/बघेरा 24 दिसंबर (केकड़ी पत्रिका ) राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 24 दिसबंर पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के सदस्य दिनेश चतुर्वेदी ने उपभोक्ताओं के नाम एक संदेश जारी कर कहा है कि उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक एवं शिक्षित रहे, कम्प्यूटर एवं नई तकनीकी डिजीटल युग में उपभोक्ता शिक्षित और जागरूक होना बहुत ही आवश्यक है।

उपभोक्ताओं के जागरूक एवं नई तकनीकी के साथ शिक्षित और तालमेल नहीं होने से शोषण के शिकार बनते जा रहे है। साइबर अपराधी उपभोक्ताओं को डिजीटल अरेस्ट कर साइबर क्राइम का शिकार बना रहे है। इसलिए उपभोक्ता किसी भी वित्तीय लेनदेन एवं खरीद फरोख्त के मामले में जल्द बाजी नहीं करे । डिजीटल लेन-देन मे धीरज रखे और सोच-समझ कर निणर्य ले।

उपभोक्ताओं के सामान्य मामले में राज्य सरकार के ट्रॉल फ्री न० 180018060 पर कॉल कर समस्या बताए। साईबर क्राइम के मामले में ट्रॉल फ्री न० 1930 पर कॉल कर समस्या बताये । नजदीकी पुलिस स्टेशन पर सूचना दे।उन्होंने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर 1986 को भारत के राष्ट्रपति ने उपभोक्ता सरक्षण अधिनियम को अंगीकार किया तभी से उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक रहने के लिए भारत में 24 दिसंबर को प्रतिवर्ष उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि15 मार्च 1962 को अमेरिकी राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी द्वारा दिए गये भाषण से अभिप्रेरित होकर 15 मार्च 1983 को सम्पूर्ण विश्व के नागरिकों को उपभोक्ता अधिकार दिए गए । 15मार्च 1983 को विश्व उपभोक्ता दिवस पहली बार मनाया गया।इस वर्ष भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने देशभर में होने वाले राज्य, जिला स्तरीय उप‌भोक्ता दिवस कार्य कर्मों के लिए इस वर्ष की थीम उपभोक्ता आयोग में मामलो की प्रभावी निस्तारण रखी है। जिसका उद्देश्य है कि अति आवश्यक सेवाएँ विद्युत, जलदाय, बैंक, बीमा, फ्लैट आवासीय टोल, सड़क,परिवहन, सहित अन्य परिवादों में उपभोक्ता के हितो की त्वरित सुनवाई हो।त्वरित न्याय हेतु उपभोक्ता मध्यकता सेल का गठन, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से विधिवत तामिल, वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 71, 72 की पालना सुनिश्चित करवाने, आयोग के कम्पुटरीकृत करने,लोक अदालत की भावना के परिवाद का निस्तारन करने पर जोर दिया जा रहा है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार,चयन का अधिकार, सुनवाई का अधिकार,क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार,उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार दिया गया है। उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे और अपनी समस्या के निवारण के लिए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपना परिवाद दर्ज करवाकर न्याय प्राप्त कर सकते है। जिला उपभोक्ता आयोग से राहत नहीं मिलने पर राज्य उपभोक्ता आयोग,राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में उपभोक्ता अपनी याचिका अपील में लगा सकते है।

उपभोक्ता को राहत प्रदान करने के लिए 5 लाख रुपये तक के परिवाद पर न्यायालय शुल्क निःशुल्क रखा गया है। 5 लाख रूपये से ऊपर के परिवाद पर 200 रूपये ,10 लाख से ऊपर के परिवाद पर 400 रुपए, 20 लाख से ऊपर के परिवाद पर 1000 रुपए रुपये, 50 लाख से ऊपर के परिवाद 2000 रुपए न्यायिक शुल्क रखा गया है।भारत सकार ने उपभोक्ता को राहत देने के लिए सीसीपीए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरन का भी गठन किया है। जहां अनुचित व्यापार प्रथा, भ्रामक विज्ञापन सहित अन्य मामलों पर सुनवाई करती है।जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अजमेर में अब तक 20 हजार 4 सौ 26 परिवाद दर्ज हुए जिनमें से 17 हजार 915 परिवाद निस्तारित किए गए।

वर्तमान में 2 हजार 511 परिवाद निस्तारण हेतु लंबित है। वर्ष 2025 में 3 सौ 95 परिवाद दर्ज हुए जिनमें से 3 सौ 16 परिवाद निस्तारित किए गए।

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