बाड़ी माता गौशाला में गौ पूजन एवं पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन
बिजयनगर 15 दिसम्बर (केकड़ी पत्रिका/तरनदीप सिंह) वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के सफल 2 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में सोमवार को बाड़ी माता गौशाला में गौ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गौमाताओं को हरा चारा, गुड़ एवं अन्य स्वास्थ्यप्रद सामग्री अर्पित की गई।कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय बिजयनगर, बाड़ी माता गौ भक्त मंडली एवं लायंस क्लब रॉयल बिजयनगर के संयुक्त तत्वावधान में पशु चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया।
शिविर में गौमाताओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा आवश्यक उपचार प्रदान किया गया।कार्यक्रम में बाड़ी माता की मुख्य उपासिका सुश्री कृष्णा टाक, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं ट्रस्टी श्री प्रज्ञा संतोक, रतन आभास मेमोरेबल ट्रस्ट बिजयनगर के प्रतिनिधि भूपेंद्र सिंह चौधरी, गजानंद खाती, दिवाकर उपाध्याय, महावीर जलवानिया, सांवरलाल जांगिड़, चंचल शर्मा, बाड़ी माता गौशाला व्यवस्थापक कैलाश चंदला एवं प्रभु गुर्जर सहित अनेक सेवाभावी कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएं दीं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री करण सिंह, थानाधिकारी (SHO) बिजयनगर रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रामकिशोर जांगिड़ (तहसीलदार, बिजयनगर), भामाशाह श्री बालमुकुंद कोगटा, श्री ज्ञान कोठारी (संरक्षक, लायंस क्लब रॉयल बिजयनगर), श्री आशीष सांड (पूर्व कोषाध्यक्ष, जिला देहात भाजपा), लायंस क्लब रॉयल बिजयनगर के अध्यक्ष श्री चैनराज खटोड़, मंत्री श्री कैलाश डूंगरवाल, श्री अमित लोढ़ा (महामंत्री, भाजपा मंडल बिजयनगर), श्री अमित सिसोदिया (अध्यक्ष, प्रज्ञा जैन युवा मंडल बिजयनगर) उपस्थित रहे।अखंड ज्योति कलश यात्रा से पधारे गायत्री परिवार के संतजनों ने भी गौसेवा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम में बिजयनगर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, गौशाला कर्मचारी, पशु चिकित्सक दल, विद्यालयों के छात्र-छात्राएं एवं अनेक प्रगतिशील पशुपालक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस अवसर पर भामाशाहों द्वारा बिजयनगर तहसील क्षेत्र की पशु चिकित्सा संस्थाओं के लिए लैपटॉप एवं प्रिंटर प्रदान करने की घोषणा भी की गई।
बाड़ी माता गौशाला की मुख्य उपासिका सुश्री कृष्णा टाक ने पशुपालन विभाग द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना की। आयोजित पशु चिकित्सा शिविर में एक गौमाता के हॉर्न कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया, वहीं अन्य दुर्घटनाग्रस्त गौमाताओं का भी उपचार किया गया।