चौधरी व सेन के दुर्लभ ए- नेगेटिव रक्तदान ने बचाई महिला मरीज की जान
केकड़ी 11 दिसंबर (केकड़ी पत्रिका/दिनेश वैष्णव) केकड़ी में मानवता और सामाजिक जागरूकता का अनूठा उदाहरण*केकड़ी, राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती सापला निवासी महिला मरीज मंजू देवी साहू के लिए बुधवार का दिन जीवनदान लेकर आया, जब समय पर दुर्लभ रक्त समूह ए- नेगेटिव के दो यूनिट उपलब्ध करवाए गए।


मरीज के इलाज के दौरान चिकित्सकों ने तत्काल इस रेयर ब्लड ग्रुप की मांग की, मगर स्थानीय रक्तकोष में यह रक्त उपलब्ध नहीं था।मरीज के परिजन घीसा लाल साहू ने हरसंभव प्रयास करते हुए परिचितों को इसकी सूचना भेजी। इसी दौरान केकड़ी के विभिन्न सोशल मीडिया व व्हाट्सऐप ग्रुपों में रक्त की आवश्यकता का संदेश तेजी से प्रसारित हुआ।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रक्तकोष के सीनियर लैब टेक्नीशियन महावीर विजयवर्गीय ने भी सक्रियता दिखाते हुए भारत विकास परिषद के सक्रिय सदस्य एवं रक्तदान सेवा में हमेशा तत्पर रहने वाले दिनेश वैष्णव को सूचना दी। सूचना मिलते ही दिनेश वैष्णव ने अपनी संपर्क सूची से रेयर ब्लड ग्रुप डोनर्स की तलाश शुरू की। खोज के दौरान केकड़ी निवासी रामअवतार चौधरी (A-) से संपर्क हुआ, जिन्होंने बिना देर किए रक्तदान करने की स्वीकृति दे दी साथ ही रक्तदान के क्षेत्र में लगातार सेवा देने वाले सुरेंद्र सिंह रघुवंशी ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए ए-नेगेटिव रक्तदाता बाबूलाल सेन से संपर्क किया। दोनों रक्तवीर रामअवतार चौधरी और बाबूलाल सेन ने तत्काल ब्लड सेंटर पहुंचकर एक अनजान महिला मरीज के लिए अपना बहुमूल्य और दुर्लभ रक्त दान किया।

समय पर मिले इस रक्त ने मरीज के इलाज को नई दिशा दी और उसकी जान बचाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। ब्लड सेंटर के मुख्य प्रभारी डॉ. मुनेश गौड ने बताया कि “A-नेगेटिव रक्त अत्यंत दुर्लभ होता है और इसे प्राप्त करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है। लेकिन केकड़ी में सामाजिक संगठनों की जागरूकता और सेवा भावना के चलते ऐसी आपात स्थितियों में भी मरीजों को समय पर रक्त उपलब्ध हो पा रहा है।”रक्त संग्रहण में लैब टेक्नीशियन पदम जैन तथा ब्लड काउंसलर विनोद साहू का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इस दौरान प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ नवीन जांगिड़ ने इस अनुकरणीय मानव सेवा के लिए दोनों रक्तवीरों की हौसला अफजाई की ।
उल्लेखनीय है कि मरीज के परिजनों ने भी संवेदनशीलता दिखाते हुए एक यूनिट रक्त स्वयं डोनेट किया, जिससे समाज में रक्तदान के महत्व को भी मजबूती मिली।मरीज के परिवार ने रक्तदाता रामअवतार चौधरी, बाबूलाल सेन, भारत विकास परिषद और इसके सक्रिय कार्यकर्ता दिनेश वैष्णव के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
रक्तदान सबसे बड़ा दानइस घटना ने एक बार फिर सिद्ध किया कि “समय पर किया गया रक्तदान किसी की जान बचाने का सबसे बड़ा माध्यम है।” परिजनों और चिकित्सकों ने आमजन से अपील की है कि वे समय-समय पर रक्तदान कर मानवता की इस सेवा में अपना योगदान दें, ताकि किसी जरूरतमंद की जान सिर्फ रक्त की कमी से न जाए।