अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर सौंपा ज्ञापन
जयपुर/केकड़ी 05 दिसम्बर (केकड़ी पत्रिका) अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश महामन्त्री प्रो. रिछपाल सिंह के नेतृत्व में राजस्थान के माननीय राज्यपाल महोदय श्रीमान् हरिभाऊ किसनराव बागडे से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर राजस्थान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खोले गए राजसेस महाविद्यालयों में संविदा आधारित शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल रुकवाने का निवेदन किया और राजसेस महाविद्यालयों को सामान्य महाविद्यालयों के रूप में परिवर्तित कर संचालित करते हुए उन में राजकीय नियमानुसार सहायक आचार्यों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करवा कर शीघ्र नियुक्ति करवाने हेतु अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि राजसेस योजना की समीक्षा हेतु गठित सोडाणी समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा राजसेस महाविद्यालयों में पांच वर्ष की अवधि के लिए नियत वेतनमान पर संविदा आधार पर अस्थायी नियुक्तियां करने की प्रक्रिया को आगे बढाना राजस्थान की उच्च शिक्षा को दुष्प्रभावित करने वाला कदम है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना के विपरीत है और उच्च शिक्षा की संस्थागत स्थिरता को खतरे में डालने वाला है।
नियत वेतन पर संविदा व्यवस्था न केवल शोषणकारी है अपितु विधिक रूप से भी टिकाऊ नहीं है। यह प्रक्रिया उच्च शिक्षा विभाग को भविष्य में कानूनी विवादों और प्रशासनिक अव्यवस्था में धकेल सकती है।वित्तीय दृष्टि से भी राजसेस मॉडल एक छलावा ही प्रतीत होता है। सरकार राजसेस महाविद्यालयों को सामान्य महाविद्यालय के रूप में परिवर्तित कर समस्त संसाधनों की पूर्ति सुनिश्चित करते हुए संचालित करे जिससे शिक्षार्थी शिक्षक और समाज की हितपूर्ति हो सके। प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में यथासमय चरणबद्ध रूप से सी ए एस प्रक्रिया को पूर्ण करवाने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर संगठन द्वारा माननीय राज्यपाल महोदय को “राजयोगिनी अहिल्याबाई होल्कर” और “मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ” पुस्तकें भेंट की गई। प्रतिनिधिमंडल ने एमबीएम विश्वविद्यालय के शिक्षकों के सी ए एस के तहत पदोन्नति की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करवाने का आग्रह किया।
प्रतिनिधिमंडल में प्रो. ओमप्रकाश देवासी, प्रो. बलवीर चौधरी, प्रो. केसू राम पंवार, प्रो. हरिसिंह राजपुरोहित, डॉ. चंद्रवीर सिंह भाटी, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय इकाई से प्रो. सुनील मेहता, प्रो. विकल गुप्ता व एमबीएम विश्वविद्यालय इकाई से डॉ. सिमरन चौधरी व प्रो. अनिल कुमार गुप्ता उपस्थित रहे।
