16 माह पूर्व बने आयुष्मान भारत उप-स्वास्थ्य केंद्र नेगड़िया की जर्जर हालत,ठेकेदार की लापरवाही उजागर
आसींद 26 अक्टूबर( केकड़ी पत्रिका/विजयपाल सिंह राठौड़ ) केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत 16 माह पहले ही बने उप-स्वास्थ्य केंद्र नेगड़िया (Sub-Health Center) की हालत जर्जर हो चुकी है।
करोड़ों रुपए के भवन की दीवारों से प्लास्टर उखड़ रहा है और रंग-रोगन भी बुरी तरह से फीका पड़ गया है, यह निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा की गई घोर लापरवाही और घटिया सामग्री के इस्तेमाल को उजागर करता है।जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के उद्देश्य से इस केंद्र का निर्माण किया गया था, लेकिन उद्घाटन के डेढ़ साल के भीतर ही इसकी ऐसी दुर्दशा हो गई है कि यह किसी पुराने भवन जैसा दिखाई दे रहा है। भवन के प्रवेश द्वार पर ‘आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर’ और ‘राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन’ (National Rural Health Mission) का बोर्ड लगा है, लेकिन भवन की स्थिति इस योजना के उद्देश्यों पर सवालिया निशान लगाती है।
गुणवत्ता पर उठे सवाल:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि निर्माण के समय ही गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण इतनी जल्दी भवन खराब होने लगा है। 16 माह की छोटी अवधि में ही भवन का प्लास्टर उखड़ना साफ दर्शाता है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल की गई सामग्री मानक के अनुरूप नहीं थी।ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग:ग्रामीणों ने इस घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ है और यदि समय रहते मरम्मत और ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह स्वास्थ्य केंद्र कभी भी बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।
जवाबदेही जरूरी:
एक्सयह मामला न सिर्फ ठेकेदार की मनमानी को दर्शाता है, बल्कि निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। संबंधित विभाग को तुरंत इस मामले का संज्ञान लेते हुए, भवन की गुणवत्ता की जांच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में सरकारी परियोजनाओं में ऐसी लापरवाही न हो।