क्षेत्र में दीपों का पर्व दीपावली उल्लास और धूमधाम से मनाया गया

कुशायता, 22 अक्टूबर (केकड़ी पत्रिका हंसराज खारोल) ग्राम कुशायता और गोरधा, पिपलाज, बिसुदनी, सूरजपुरा, देवमण्ड गोठडा आमली किशन पुरा कीड़वा का झोपड़ा और सोकिया का खेड़ा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में दीपों का पर्व दीपावली पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ दो दिनों तक मनाया गया। क्षेत्र में दीपावली को लेकर विशेष उत्साह और उल्लास का वातावरण देखने को मिला।इस वर्ष अमावस्या तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण दीपोत्सव दो दिन तक मनाया गया। कुछ परिवारों ने सोमवार को पारंपरिक रूप से मां लक्ष्मी का पूजन कर दीपावली मनाई, जबकि कई घरों में मंगलवार को भी विधिवत पूजा-अर्चना कर दीपों का पर्व मनाया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली की रात विशेष रूप से उत्सवपूर्ण रही। बच्चों और युवाओं ने जमकर आतिशबाजी की और रातभर पटाखों की गूंज सुनाई दी। हर घर और प्रतिष्ठान में घी के दीपक जलाए गए, जिससे गांवों की गलियां, चौक-चौराहे और मंदिर रोशनी से जगमगा उठे।बाजारों में भी दीपावली की जबरदस्त रौनक देखी गई। मिठाई, कपड़े और सजावटी सामान की दुकानों पर ग्राहकों की खूब भीड़ रही। गत वर्षों की तुलना में इस बार व्यापार में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिससे स्थानीय व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।गोवर्धन पूजा और बेल पूजनदीपावली के अगले दिन बुधवार को ग्रामीण महिलाओं ने परंपरागत रूप से गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा-अर्चना की। शाम को गोवर्धन पूजन के उपलक्ष में बैलों की पूजा की गई और उन्हें सजाया गया।देवउठनी एकादशी से शुभ कार्यों का शुभारंभज्योतिषाचार्य राजकुमार पाराशर (निवासी – पिपलाज) के अनुसार, इस वर्ष 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसी दिन से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।
वैदिक पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से प्रारंभ होकर 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रहेगी।2 नवंबर को तुलसी विवाह का आयोजन देवउठनी एकादशी के अगले दिन 2 नवंबर को तुलसी विवाह का आयोजन होगा। द्वादशी तिथि इस दिन सुबह 7:31 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर को सुबह 5:07 बजे तक रहेगी। इस दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का पावन विवाह वैदिक विधि-विधान से सम्पन्न किया जाएगा। मान्यता है कि इस विवाह से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।