बघेरा राम लीला में उमड़ा स्नेह और आस्था का सागर, राम-भरत मिलाप ने भिगो दीं आंखें

बघेरा 28 सितम्बर (केकड़ी पत्रिका/ललित नामा) श्री राम नवयुवक मंडल बघेरा के तत्वाधान में चल रही नौ दिवसीय राम लीला में शनिवार की रात मंचित हुए प्रसंगों ने श्रद्धालुओं के हृदय को गहराई तक छू लिया।वनवास की वेदना से भरे सुमंत सोच का दर्द जब मंच पर गूंजा तो पंडाल में बैठे लोग भी मानो उसी पीड़ा को महसूस करने लगे। इसके बाद राजा दशरथ मरण के दृश्य ने वातावरण को शोक और करुणा से भर दिया ।दर्शकों की आंखें नम हो उठीं ।

सबसे हृदय विदारक क्षण रहा राम-भरत मिलाप का। जब वर्षों के बिछोह के बाद भरत प्रभु श्रीराम के चरणों में लोटते हुए रो पड़े और श्रीराम ने उन्हें गले से लगा लिया, उस अद्भुत दृश्य को देख श्रद्धालु भी अपने आंसू रोक नहीं पाए। पल भर को ऐसा लगा मानो पंडाल त्रेता युग के उस पावन वन में परिवर्तित हो गया हो।‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी उद्घोषों के बीच दर्शकों की भावनाएं उमड़ पड़ीं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी की आंखें श्रद्धा और करुणा से छलक उठीं।

श्री राम नवयुवक मंडल के मंच संचालक सुरेश सिंह भाटी ने कहा, “हर वर्ष हम यही प्रयास करते हैं कि राम लीला के मंचन से न केवल मनोरंजन बल्कि जीवन को प्रेरणा भी मिले। इस वर्ष राम-भरत मिलाप के दृश्य ने दर्शकों को भीतर तक झकझोर दिया। हमें गर्व है कि हमारा मंचन लोगों के हृदय को छू पाया।”इन पलों ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि रामायण के आदर्श आज भी भाईचारे, समर्पण और त्याग की सबसे सुंदर सीख देते हैं।