खरीफ की फसलें चौपट, किसानों के चेहरों पर छाईं मायूसी

सावर 11 सितम्बर (केकड़ी पत्रिका/ हंसराज खारोल) कुशायता, बिसुदनी गोरधा पिपलाज सदारा सुरजपुरा कीडवा का झोपडा आमली लोधा का झोपडा मोटालाव उमेदपुरा उदयसागर बनेडिया सहित आसपास के सभी गांवो में क्षेत्रों में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. पिछले दिनों से लगातार हुई बारिश से खेतों में खड़ी फसलें बुरी तरह चौपट हो गई हैं. मूंग, ग्वार, बाजरा और कपास जैसी खरीफ की मुख्य फसलें सबसे ज्यादा नुकसान की चपेट में आई हैं|
शिवराज खारोल कालू राम खारोल दशरथ खारोल भाग चन्द मीणा रोडू बैरवा ओम प्रकाश बैरवा भैरू बैरवा लाला राम बैरवा राधेश्याम जांगिड़ प्रेमराज गुर्जर ग्राम पंचायत कुशायता पुर्व सरपंच किशन लाल बलाई ग्राम पंचायत गोरधा मुख्यालय के सरपंच पपिता देवी मीणा,पूर्व सरपंच गंगाराम मीणा शिवराज मीणा सियाराम वैष्णव भवानी राम मीणा हीरा लाल मीणा गोपाल मीणा चेतन मीणा भोलू राम मीणा रणजीत कुमावत देवी किशन गुर्जर महावीर कुमावत मानसिंह मीणा लक्ष्मण मीणा उप सरपंच लादूराम मीणा वार्ड पंच मुकेश कुमार धोबी शंकर लाल मेघवंशी राजू मेघवंशी पप्पू रेगर हरिओम मेघवंशी गोपाल कहार ऋषि राज कहार प्रहलाद गुर्जर सत्यनारायण वैष्णव अनिल मीणा सिंह दरोगा रामेश्वर दरोगा ओम प्रकाश मीणा रवि वैष्णव बालकृष्ण शर्मा कानाराम मीणा मदन शर्मा सांवरा मीणा मेवालाल मीणा रामकिशन बैरवा आशा राम गुजर बाबू लाल गुजर किसानों के अनुसार, इस बार उन्होंने महंगे बीज, खाद और कीटनाशकों पर भारी खर्च किया था. ट्रैक्टर किराया और दवाइयों का छिड़काव भी कई बार करवाया गया, लेकिन अचानक आई बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।क्षैत्र में पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों की खरीफ की मुंग,उड़द,तिल,ग्वार ज्वार बाजरा आदि फसलें करीब करीब पुरी तरह से चौपट हो गई है खेतों में खड़ी फसलें अंकुरित हो रही है जिससे फसल खराब हो चुकी है जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो सकता है ।

किसानों ने अनुमान लगाया जा रहा है कि क्षेत्र भर में लगभग 80 से 100 प्रतिशत फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. इससे किसानों पर भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. किसानों और ग्रामीणों ने प्रशासन से खराब फसलों का तत्काल सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की है. उनका कहना है कि यदि समय रहते राहत नहीं दी गई तो किसानों की आर्थिक स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाएगी.मुंग की फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई ।किसानों के अनुसार, मुंग की फसल पानी में डूब जाने से पूरी तरह बर्बाद हो गई है. इसके अलावा बाजरा ज्वार उड़द, ग्वार और कपास की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है| कई जगहों पर खेतों में पानी भरने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. ग्रामीणों का कहना है कि इस बार मौसम ने उम्मीद के विपरीत असर डाला है| और उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है|
उन्होंने बताया कि भारी बारिश और अधिक नमी के कारण मुंगकी फसल सबसे अधिक खराब हुई है। चारे की रहेंगी कमी जिससे पशुपालन पर पड़ेगा असर। गोरधा सोकिया का खेडा गोपालपुरा किशनपुरा बनेडिया उमेदपुरा मोटालाव चिकलिया लोधा का झोपडा पिपलाज आमली सुरजपुरा बिसुदनी क्षेत्र में हो रही बारिश से इस बार पशुओं के चारे के उपयोग ली जाने वाली फसल ज्वार बाजरा भी ज्यादा बारिश होने से गलने लगें हैं। खेतों में लगातार बारिश का पानी भरा रहने से ज्वार बाजरा में भी बढ़वार नहीं है। जिससे इस बार पशुओं के खिलाने के लिए चारे की किसानों के समाने समस्या रहेगी है।इनका कहना क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से खरीफ फसलों में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। इसको लेकर हमने सावर तहसील दार भगवती प्रसाद वैष्णव को ज्ञापन भी दिया है। और सरकार से भी मांग करते हैं कि आप किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए है ” – सोजी नाथ योगी किसान नेता।