अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की पूर्व संध्या पर जयपुर में शिक्षकों का सम्मान

बिजयनगर 08 सितम्बर (केकड़ी पत्रिका/तरनदीप सिंह) अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिव्वस की पूर्व संध्या पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में भव्य “शिक्षक सम्मेलन एवं विचार प्रजेंटेशन समारोह” का आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय समरसता मंच एवं इण्डो-नेपाल समरसता ऑर्गेनाईजेशन के संयुक्त तत्वावधान में रोटरी क्लब सभागार में हुआ। इस अवसर पर भारत सहित 25 राष्ट्रों के राष्ट्रीय ध्वजों के सानिध्य में कार्यक्रम संपन्न हुआ।समारोह का आयोजन श्री श्री 1008 महागुरु दिव्य पुरुष परम पूज्य जगतगुरु शिवशक्ति बाबा महाराज के सानिध्य में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री हुकम चंद गनेशिया, ग्लोबल चांसलर इंटरनेशनल रोमा कल्चर यूनिवर्सिटी नई दिल्ली ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जितेंद्र सिंह (पूर्व केबिनेट मंत्री), श्री निरंजन आर्य (पूर्व मुख्य सचिव राजस्थान सरकार), श्री ए. पी. सिंह (वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार), श्री प्रहलाद राय टांक (अध्यक्ष माटीकला बोर्ड राजस्थान) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. अंकित गांधी (कुलगुरु, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जयपुर) एवं भामाशाह सविंद्र जीत सिंह (ब्यावर) उपस्थित रहे।स्वागतकर्ता के रूप में युवराज आचार्य (बोर्ड सलाहकार सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय समरसता मंच नेपाल) रहे। वक्ताओं ने भारत के महान शिक्षक एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन और शिक्षा के प्रति उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
सम्मान से नवाजा गया
इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को “शिक्षक रत्न अवार्ड” एवं “शिक्षक गौरव अवार्ड” से सम्मानित किया गया।शिक्षक रत्न अवार्ड से सम्मानित शिक्षक:डॉ. अंकित गांधी (जयपुर)डॉ. इन्दु तिवारी (प्राचार्य, ब्यावर)श्री हवा सिंह आर्य (चुरू)दीपक पाठक (नागौर)डॉ. बृजेन्द्र सिंह गुर्जर (सवाई माधोपुर)डॉ. रिनिका राय (उदयपुर)डॉ. बी. एल. देवन्दा (जयपुर)शिक्षक गौरव अवार्ड से सम्मानित शिक्षक:नेपाल, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड सहित विभिन्न राज्यों से लगभग 60 से अधिक शिक्षकों को यह सम्मान मिला। जिनमें प्रमुख रूप से ज्योतिष शिरोमणि डॉ. सुनीता ढकाल (नेपाल), श्रीमती गायत्री मीना (जयपुर), डॉ. धर्मपाल ज्योतिषी, रामजी लाल मीना, विजेंद्र सिंह कविया, श्रीमती पूजा झांझड़िया, अशोक कुमार सक्सेना, रामेश्वर लाल शर्मा, महावीर शर्मा (जोधपुर), संदीप कुमार (जैसलमेर), प्रो. श्रद्धा तिवारी (उदयपुर), श्रीमती सुमन पुनिया (पाली), जगतार सिंह (भरतपुर), मोहान सिंह बारोड (डुंगरपुर), डॉ. आर. के. श्रीवास्तव (अजमेर), डॉ. अनुज कुमार शर्मा (उत्तर प्रदेश), डॉ. तपन काकती (उत्तराखण्ड) सहित अनेक शिक्षकों के नाम शामिल हैं।
कार्यक्रम में भामाशाह सविंद्र जीत सिंह (ब्यावर) ने अपने उद्बोधन में कहा कि –”शिक्षक समाज के वास्तविक मार्गदर्शक होते हैं। आज जिस प्रकार हमारे देश की नई पीढ़ी शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ रही है, उसमें शिक्षकों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। शिक्षक केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहते बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों और संस्कृति के संवाहक भी हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा का लाभ हर घर तक पहुंचे और समाज में ज्ञान का प्रकाश फैले।”
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समरसता मंच द्वारा किया जा रहा यह आयोजन केवल सम्मान का अवसर नहीं, बल्कि शिक्षा के महत्व को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का प्रयास हैकार्यक्रम संयोजक कुलदीप प्रसाद शर्मा (एडवोकेट, ईस्ट वेस्ट लॉं फर्म नेपाल, काठमाण्डू) ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय समरसता मंच पिछले 40 वर्षों से भारत की प्रतिष्ठा, शक्ति और पंचशील सिद्धांतों को विश्व स्तर पर बढ़ाने हेतु कार्यरत है। मंच के संस्थापक स्व. श्री महावीर प्रसाद टोरडी की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने के लिए यह मंच अनवरत सक्रिय है। मंच के कार्यों व विचारधारा के समर्थन में विश्व के 25 देशों ने अपने-अपने राष्ट्रध्वज मंच को प्रदान किए हैं।
मंच की चयन समिति सदस्य इंजी. नरेंद्र कुमार पांडे (एडवोकेट) ने बताया कि शिक्षकों का चयन भारत व विदेशों से प्राप्त आवेदनों की गहन जांच के बाद किया गया। यह मंच विभिन्न अवसरों पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रतिभाओं को चयनित कर सम्मानित करता है।आगामी आयोजन का निमंत्रणसमारोह के अंत में जगतगुरु शिवशक्ति बाबा महाराज ने सभी सम्मानित प्रतिभाओं को नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में 28–29 दिसम्बर को आयोजित होने वाले भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती समारोह में आमंत्रित किया।