श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण महापर्व का छठा दिन उत्तम संयम धर्म के रूप में मनाया गया

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केकड़ी 02 सितम्बर (केकड़ी पत्रिका/ अम्बा लाल गुर्जर) शहर के बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण महापर्व का छठा दिन उत्तम संयम धर्म के रूप में मनाया गया ।
प्रतिदिन की भांति संगीतमय शांतिधारा व नित्यनियम पूजा,अभिषेक का आयोजन किया गया ।श्री नेमिनाथ भगवान की शांतिधारा का पुण्यार्जन पारस मल महावीर प्रसाद लाभचंद बघेरा व अशोक कुमार धनेश कुमार जैन छाबड़िया परिवार ने प्राप्त किया ।
मीडिया प्रभारी पारस जैन के अनुसार समाज के मंत्री कैलाश चंद जैन मावा वालों ने बताया कि शांतिधारा के पश्चात दसलक्षण धर्म महाविधान का आयोजन किया गया जिसमे आज 22 श्रीफल अर्घ्य समर्पित किए गए ।
विधान के दौरान अपने प्रवचन में “उत्तम संयम धर्म” पर पंडित निकेत शास्त्री ने कहा कि पञ्च इन्द्रिय (स्पर्श,रसना, घ्राण,दृष्टि व श्रोत्र) इसके तहत इन इंद्रियों को विषयों में आशक्त होने से रोकना, मोह क्रोध लोभ जैसे विकारों से दूर रहना ओर सभी जीवों को नुकसान पहुचाने से बचना शामिल है।संयम से आंतरिक शांति,स्पष्टता व आत्मिक विकास होता है जो व्यक्ति को मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है ।मन वचन काया पर नियंत्रण कर हमें आत्मा की शुद्धि करनी चाहिए ।उन्होंने कहा कि उत्तम संयम आत्म-नियंत्रण व आत्म-अनुशासन का सर्वोच्च रूप है ।
सांयकालीन कार्यक्रम: दैनिक सांयकालीन सामयिक प्रतिक्रमण के पश्चात समाज के 12 परिवारों द्वारा अपने मोहल्ले से संगीतमय महाआरती का जुलूस निकाला गया व मंदिर में महाआरती का आयोजन किया गया ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: समाज की महिलाओं द्वारा लघु नाटिका “नियम का फल” का मंचन कर संदेश दिया कि व्यक्ति एक छोटा सा नियम लेने से अपना जीवन कैसे बदल सकता है ।नाटिका में निकेत भैया व लक्ष्मी जैन ने सहयोग किया। प्रतिभागियों को निहालचंद गणेशचंद जैन की ओर से पुरुस्कृत किया गया ।