मेवाड़ की राजपरंपरा और संत परंपरा का अद्भुत संगम,लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ एवं स्वामी राजेन्द्र पुरी जी महाराज का सौहार्दपूर्ण मिलन

ब्यावर 10 अगस्त (केकड़ी पत्रिका/तरनदीप सिंह) मेवाड़ की महान धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के संवाहक, महाराजा भगवान श्री एकलिंगजी के अनन्य उपासक एवं मेवाड़ राजपरिवार के युवा प्रतिनिधि श्री लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का, परम पूज्य वेदांताचार्य श्री स्वामी राजेन्द्र पुरी जी महाराज के साथ सौहार्दपूर्ण एवं प्रेरणादायी साक्षात्कार हुआ। यह विशेष अवसर आध्यात्मिक संवाद, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सेवा-धर्म की महत्ता को पुनः स्थापित करने वाला सिद्ध हुआ।साक्षात्कार के दौरान, श्री स्वामी राजेन्द्र पुरी जी महाराज ने भारतीय धर्म, संस्कृति और सनातन जीवन-मूल्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
उन्होंने कहा- “समाज में सेवा, त्याग और सद्भावना का प्रकाश फैलाना ही सच्चे धर्मपालन का मूल स्वरूप है।” स्वामी जी ने इस अवसर पर श्री लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को उनके पूर्वजों की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप, समाजहित, धर्मरक्षा और संस्कृति-संवर्धन के मार्ग पर अडिग रहने का आशीर्वाद प्रदान किया।आध्यात्मिक संवाद के क्रम में, श्री स्वामी जी महाराज ने श्री लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को राजस्थान के पाली जिले के जाड़न गांव स्थित, विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस श्री स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज द्वारा संस्थापित विश्व का अद्वितीय, अकल्पनीय और पवित्र स्थल ॐ आश्रम पधारने के लिए ससम्मान आमंत्रित किया।
यह आश्रम वेदांत, योग और सेवा के वैश्विक केंद्र के रूप में विख्यात है, जहाँ साधना, संस्कृति और जनसेवा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।यह सौहार्दपूर्ण मिलन न केवल मेवाड़ की राजपरंपरा और संत परंपरा के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए धर्म, संस्कृति और सेवा के पथ पर चलने की अमिट प्रेरणा भी प्रदान करता है।