रक्षाबंधन की धूम आसींद में: भाई-बहन के प्यार का पर्व

आसींद 09 अगस्त (केकड़ी पत्रिका/ विजयपाल सिंह राठौड़) रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त के महीने में पड़ता है।इस अवसर पर आरुषि राठौड नेरक्षाबंधन का महत्व बतायारक्षाबंधन के पीछे कई पौराणिक कथाएं और ऐतिहासिक घटनाएं हैं, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करना और एक-दूसरे के प्रति प्यार, सम्मान और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना है।रक्षाबंधन की रस्मेंरक्षाबंधन के दिन, बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, जो एक पवित्र धागा होता है जो भाई की कलाई पर बांधा जाता है।
इस धागे को बांधने के साथ ही, बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं। इसके बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा और सम्मान का वचन देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने और एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान की भावना को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।आसींद क्षेत्र में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की। भाइयों ने भी अपनी बहनों को उपहार देकर उनका प्यार और सम्मान व्यक्त किया।इस त्योहार को मनाने के लिए लोगों ने अपने घरों को सुंदर तरीके से सजाया और पूजा-अर्चना की। आसींद क्षेत्र में रक्षाबंधन का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया गया, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है।