जैन धर्म के 11वे तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर मनाया रक्षाबंधन

बिजयनगर 09 अगस्त (केकड़ी पत्रिका /तरनदीप सिंह) श्री दिगंबर जैन समाज विजयनगर ने शनिवार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को स्थानीय सथाना बाजार स्थित श्री 1008 चंदाप्रभु भगवान मंदिर में जैन धर्म के 11वे तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान मोक्ष कल्याणक के अवसर पर रक्षाबंधन पर्व पर मनाया गया।जैन समाज के अध्यक्ष सुनील कोठारी ने बताया कि सर्वप्रथम प्रातःकाल वेला में अभिषेक,शांतिधारा किए गए। इस दौरान भगवान का प्रथम अभिषेक एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य मान देवी,पवन कुमार,पुष्पा,महावीर,सरिता, अंशुल, पूजा, राहुल,पुलपुल,ऋषभ,वीर,आरोही,अर्हम जैन गोधा परिवार को मिला।समाज के श्रावक- श्राविकाओं द्वारा नित्य नियम पूजा अर्चना की गई। निर्वाण कांड बोलकर निर्वाण लड्डू चढ़ाया कर, एक दूसरे को रक्षासूत्र बांध कर रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया।

अध्यक्ष कोठारी ने बताया कि शाम को 48 दीपकों से भक्तामर पाठ आयोजित किया गया। भगवान की महाआरती भी गई ।इस दौरान समाज के मंत्री पदम अजमेरा ने बताया कि पौराणिक काल में अकंपनाचार्य के नेतृत्व में 700 जैन मुनियों का एक संघ हस्तिनापुर पहुंचा। राजा बलि के उपसर्ग से मुनियों को कष्ट होने लगा। मुनि विष्णुकुमार ने वामन का रूप धारण कर बलि से तीन पग भूमि मांगी और इसमें सारा संसार नापकर मुनियों की रक्षा कर संकट से मुक्ति दिलाई। इस घटना को जैन धर्म में रक्षा बंधन के रूप में मनाया जाता है। जैन धर्म में रक्षा बंधन न केवल भाई-बहन के बीच प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह राष्ट्र, धर्म, और समाज की रक्षा का भी संकल्प लेने का दिन है।
इस दिन, जैन धर्मावलंबी मंदिर जाते हैं, मुनि विष्णु कुमार और 700 मुनियों की पूजा करते हैं और एक-दूसरे को राखी बांधकर एक-दूसरे की रक्षा एवं देश, धर्म, संस्कृति, साधु संतों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। इस उपलक्ष में यह रक्षा सूत्र पर्व के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है।