देवभक्तों की राह में बिछा रहे कांटे,चंद सिक्कों की खनक पर कर रहे मुजरा

- हिस्सेबाज ने एफआईआर की दी धमकी,कहा जेल की हवा खिला दूंगा
- कष्टों का संकट…फिर भी श्रद्धा-भक्ति अपार,भगवान की महिमा अपरम्पार
- वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार गुर्जर की रिपोर्ट
केकड़ी 04 अगस्त (मनोज कुमार गुर्जर) कहते हैं कि श्रद्धा के आगे कितने ही कष्ट हो हार जाते हैं। जीत हमेशा श्रद्धा व भक्ति की होती है। कहा भी गया है भक्ति में ही शक्ति है। आज ये बात इसीलिए कर रहा हूं क्योंकि भगवान के भक्तों के लिए लोग फूल बरसाते हैं। लेकिन क्षेत्र में कुछ भगवान से बड़े महाशयों ने कांटे बिछाए लेकिन भक्तों ने प्रेम से कांटे भी सहन कर लिए। बात बोगला-उन्दरी के बीच सोने के सिक्कों से बनी नवनिर्मित पुलिया का है।
यह मार्ग देवली,नासिरदा,बघेरा, टोडा रायसिंह सहित दर्जनों गांवों के हजारों श्रद्धालुओं का मार्ग है। हर शनिवार को हजारों पदयात्री व श्रद्धालु वाहनों से इस मार्ग से निकलते हैं। शुक्रवार रात को और शनिवार सुबह देवभक्तों का फोन आया कि इस मार्ग पर पुलिया बना दी गई है। पुलिया पर पानी भी नहीं है,बावजूद पुलिया के दोनों और खाईयां खोदकर रास्ते पर मिट्टी की दीवार खड़ा कर बिल्कुल संकरा कर दिया गया। छोटे वाहन कार भी बमुश्किल निकल रही है,ट्रेक्टर,डीजे व अन्य हल्के वाहन जो पैदलयात्री साथ में लेकर मीणों का नयागांव देवनारायण भगवान के दर्शन के लिए लेकर जाते हैं वो भी नहीं निकल रहे हैं। कारें नीचे मिट्टी की दीवार के अड़ रही है। जिससे नुकसान हो रहा है। तस्वीरें आप देख सकते हैं। इस संबंध में सुबह मैंने देवभक्तों की पीड़ा की खबर चलाई तो फोन ऐसे घिनघिनाने लगा जैसे की किसी की दुखती रग पर हाथ रख दिया हो। एक माननीय ने फोन कर कहा कि ये गलत खबर चला रहे हो देवभक्तों को तो कोई परेशानी नहीं है। जबकि जागरूक लोगों ने फोन कर कहा कि खाई से काफी समस्या हो रही है,एक डीजे भी पलट गया,लेकिन भगवान देवनारायण की कृपा से कोई अनहोनी नहीं हुई। खैर मैंने मिट्टी पलीत माननीय को ज्यादा गंभीर नहीं लिया। क्योंकि मामला हजारों देवभक्तों से जुड़ा था। इसके बाद फिर माननीय के कहने पर एक सताईसे के जिम्मेदार अधिकारी का फोन आया और कहा कि आपके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जेल की हवा खिलाउंगा। मैंने पुंछा कौनसा गुनाह कर दिया।
देवभक्तों की पीड़ा में हर गुनाह खुशी-खुशी झेलने को तैयार हूं। हां मैंने कमी$$न बाज को कहा कि क्षेत्र में तीन माह में ही बनी सड़कें उधड़ी पड़ी है। स्टेट हाईवे निर्माण से पहले उखड़ गया। आखिर क्यों उखड़ा उसकी खोजबीन कर। ऐसे भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करो और उनको जेल में भेजो,ब्लेक लिस्टेड करो,अगर औकात हो तो।
मैंने तो देवभक्तों का दर्द उठाया और उठाउंगा,भले ही मुकदमा क्या फांसी पर लटका दो। खैर इनके हिस्से के किस्से अगले अंक में बताउंगा।आखिर क्यों उखड़ती है नई सड़क,सब अगले अंक में। अंत में मुझे शाम को पता चला कि सब हिस्सा का खेल था। खैर उन्दरी-बोगला की लाखों रुपए की लागत से बनी सड़क का भी एक्सप्लेशन अबकि बार करेंगे,कितना सोना और कितना कोयला लगा है,सब सैंपल व लैब टेस्टिंग में सामने आ जाएगा। में हिस्सेबाज व पार्टी पलीत को यही कहना चाहूंगा कि देवभक्तों का दर्द एक बार नहीं हजार बार लिखूंगा। चाहे तुम्हारे पेट में कितना ही दर्द हो। बोगला-उन्दरी सड़क को एक साल तक गिट्टी बिछाकर छोड़ दिया था,मैंने देशभक्तों की पीड़ा लिखी तीन दिन में सड़क बनी।
ये कलम देवदरबार के आशीर्वाद से ऐसी ही चलती रहेगी। कमीशनखोर कितना ही चिल्लाओ, उखाड़ना हो जो उखाड़ लेना। ऐसे लोगों का इलाज देवभक्त व भगवान देवनारायण समय पर कर देंगे।