19 घण्टे की मेहनत के बाद कोमन क्रेट सर्प का किया रेस्क्यू

बिजयनगर 25 जुलाई (केकड़ी पत्रिका/तरनदीप सिंह) शहरी क्षेत्र गुलाबपुरा में साजन सिंह सोलंकी के घर में कल प्रातः 4.00सुबह भोर की पहली किरण के साथ सर्प का घर में सो रही उनके छोटे भाई राकेश सिंह सोलंकी की धर्मपत्नी सिमी कंवर को सर्पदंश (बाइट,कांट गया) जिसकी जानकारी इंडिया मिशन स्नेक बाइक डेट फ्री इंडिया व सर्प शिक्षा अभियान सर्प दंश मृत्यु वीहिन भारत के सर्प मित्र, वन मित्र, सर्प शिक्षक व पुलिस मित्र सुरेंद्र सिंह भाटी को सूचना मिलने पर पहुंच कर सर्प के बारे में पुछा तो बताया कि सर्प काला व वाइट लाइन नजर आ रही थी तो भाटी ने जिसे सर्प दंश हुआ उसके बारे में पता किया तो उन्हें राजकिय चिकित्सालय गुलाबपुरा से भिलवाड़ा के लिए रेफर कर दिया बाद में सभी के द्वारा काफी मेहनत के बाद भी सर्प को तलाश की लेकिन वह मकान की दिवाकर में छीप गया।
परिवार पर मानों संकट के बादल मंडरा गये सुबह से परिवार जनो का खाना पानी तक छुट गया सभी मोहल्ले वालों की नींद हराम हो गई क्यों कि वह सर्प भारत के चार विषैले सर्प में से एक था, मन में अलग अलग भय से विचारों सभी को परेशानी में डाल दिया कही ऐसी घटना किसी और के साथ ना हो जाए उधर सर्प दंश से पीड़िता जीवन के महात्मा गांधी अस्पताल जिला भिलवाड़ा में वेंटिलेटर में इलाज चल रहा था। तभी घर पर परिवार जनो को जो सर्प कि चिन्ता सता रही थी, रात्रि 11.00 बजे एक बार पुनः सर्प दिखाई देते ही पुनः भाटी जी को सूचना पर पहुंच कर देखा तो लगभग गली से सभी व्यक्तियों की सर्प पर निगाहें टिकी थी। दिवार को वहां के वाशिंदों ने सरिया के माध्यम से पत्थर निकलते तो सर्प दिखाई देते ही सर्प को बीना नुकसान पहुंचा रेस्क्यू कर सभी परिवार जनो व गली वासियों भयमुक्त किया।
क्यों आते हैं शहरी क्षेत्रों में सर्प
बारिश के समय में बिलों में पानी के भराव के कारण सर्प भोजन की तलाश में सरकारी व गैर सरकारी बिल्डिंग में प्राय आ जाते हैं, नजदीक नालों में यह जीव अपना स्थाई आवास बना लेते हैं जिनसे सर्प दंश जैसी घटनाएं आमजनो की जान जोखिम में आ जाती है। जहां एक और नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद स्वच्छ भारत के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं यदि वहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाए तो सर्पदंश जैसी घटनाओं रोकथाम लगाई जा सकेगी। घरों में चूहे, मेंढक नालियों से घरों में आ जानें पर सर्प भी उन का पीछा करते वहां पहुंच जाते हैं।
कैसे करें बचाव व सुरक्षा
घरों मैं डिटेल का पहुंच इस्तेमाल करें नालियों में समय-समय पर डीडीटी पाउडर का छिड़काव करें आसपास में स्वच्छता का ध्यान रखें। यदि उसके बाद भी सर्प आ जाता है या सर्पदंश हो जाता है। उसे स्थिति में घबराएं नहीं हो सके तो उचित दूरी व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाग की फोटो लेवे जिससे चिकित्सक को इलाज करने में आसानी हो सके। प्रेशरइम्यूनाइजेशनतकनीक कटे हुए स्थान पर डिटोल या एंटीसेप्टिक से सफाई करें वह उस स्थान पर पट्टी को ढिली बांधे उसे स्थान को हिलाई नहीं, समय की महत्वता को समझते हुए तुरंत प्रभाव से नजदीकी राजकीय जिला चिकित्सालय या उप जिला चिकित्सालय में इसका डॉक्टर के परामर्श पर इलाज करायें । सभी परिवार जन व मोहल्ले वासियों ने भाटी के इस सराहनीय कार्य के लिए साधुवाद ज्ञापित किया।

02 हरि जी वैष्णव हुरडा गांव से मोटर घर स्टार्टर से 6 फीट लंबा रेड स्नेक का रेस्क्यू किया 03 नानूराम जी कुमावत गांव कोटिया स्पेक्टिकल कोबरा स्नेक घर से रेस्क्यू किया।
04 अर्जुन जी कुशवाह आदित्य पैलेस फार्म हाउस से 6 फीट चेकर्ड किल्डबैक सर्प का रेस्क्यू 05 हाईवे रोड पर वहां से घायल मॉनिटर लिजार्ड का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर रिलीज किया। सभी स्थानों पर इंडिया मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया वह सर्व शिक्षा अभियान सिर्फ मृत्यु विहीन भारत के बैनर तले आमजन को जागृत किया।