अजमेर में कर्मचारी भविष्य निधि का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की माँग को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री को लिखा पत्र

- क्षेत्रीय कार्यालय खुलने से अजमेर सहित आसपास के औद्योगिक जिलों – भीलवाड़ा, नागौर और टोंक को मिलेगा सीधा लाभ।
किशनगढ़ /अराई 24 जुलाई (केकड़ी पत्रिका संजीव पाराशर) अजमेर से लोकसभा सांसद तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर बजट वर्ष 2025-26 की विभागीय कार्ययोजना में अजमेर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की माँग की है।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि अजमेर जिला राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक, शैक्षिक और धार्मिक महत्व का केंद्र है, जहाँ बड़ी संख्या में निजी उद्योगों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों में हजारों की संख्या में श्रमिक एवं कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में अजमेर, टोंक, नागौर और भीलवाड़ा जिलों के पीएफ अंशदान और संबंधित शिकायतों का कार्य जयपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आता है।
जयपुर कार्यालय पर पहले से ही कार्यभार अत्यधिक है, जिससे श्रमिकों और नियोक्ताओं को समस्याओं के समाधान में विलंब और अनावश्यक यात्रा करनी पड़ती है।पत्र के माध्यम से केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में केवल चार क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर ही संचालित हैं, जबकि राज्य में बड़ी संख्या में औद्योगिक बेल्ट और श्रमिक आबादी वाले जिले हैं। भागीरथ चौधरी ने बताया कि वर्ष 2021 में तत्कालीन केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा “जन आशीर्वाद यात्रा” के दौरान अलवर में एक अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की घोषणा की गई थी, और उसी यात्रा में अजमेर में भी कार्यालय खोलने की संभावना जताई गई थी।
स्थानीय क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगा सीधा लाभ
स्थानीय अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने यह भी कहा है कि अजमेर में EPFO का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने से न केवल अजमेर जिले को बल्कि पास के औद्योगिक जिलों—भीलवाड़ा, नागौर और टोंक—को भी सीधा लाभ मिलेगा। इससे श्रमिकों को उनके भविष्य निधि संबंधी कार्यों के लिए जयपुर नहीं जाना पड़ेगा, और समय, श्रम व खर्च की बचत होगी। भागीरथ चौधरी ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से आग्रह किया है कि इस मांग को “जन एवं श्रमिक कल्याण के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण एवं समयानुकूल” मानते हुए वर्ष 2025-26 की विभागीय योजना में स्वीकृति प्रदान की जाए और शीघ्र ही इसका मूर्त रूप दिया जाए।
