मारुतिनन्दन पाटोत्सव में हुआ प्रतिभाओं का सम्मान,विधायक शत्रुघ्न गौतम ने छात्रावास विकास हेतु की 20 लाख रुपये की घोषणा

केकड़ी 12 जून (केकड़ी पत्रिका) अजमेर रोड स्थित वैष्णव बैरागी चतुर्थ संप्रदाय शैक्षिक संस्थान एवं छात्रावास परिसर में गुरुवार को मारुति नन्दन पाटोत्सव एवं प्रतिभा सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वैष्णव बैरागी महासभा विकास समिति और छात्रावास प्रबंधन समिति के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
समारोह की शुरुआत श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण सुंदरकांड पाठ से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजनों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम ने छात्रावास भवन में हॉल निर्माण के लिए विधायक कोटे से 10 लाख रुपये तथा नगरपालिका कोटे से 10 लाख रुपये, कुल 20 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति की घोषणा की।

इस घोषणा से छात्रावास विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।समारोह के दौरान छात्रावास भवन निर्माण में सहयोग देने वाले तीन प्रमुख भामाशाहों का भी सम्मान किया गया, जिन्होंने प्रत्येक ने ₹1,21,000 का योगदान समाज को समर्पित किया। इसके साथ ही संस्था के 60 नए ट्रस्टीज, जिन्होंने ₹11,000 की राशि देकर ट्रस्ट की सदस्यता ग्रहण की, उन्हें भी सार्वजनिक अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

प्रतिभा सम्मान समारोह में समाज के 150 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों—जिन्होंने कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं एवं स्नातक परीक्षाओं में 75% से अधिक अंक प्राप्त किए—का भव्य सम्मान किया गया। साथ ही, राजकीय सेवाओं में चयनित युवाओं, समाजसेवा में विशिष्ट योगदान देने वालों और नवीन ट्रस्टियों का भी भावपूर्ण अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम के अंत में मंगल आरती एवं महाप्रसादी का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।इस अवसर पर अजमेर, बिजयनगर, भिनाय, देवली, गुलाबपुरा, नसीराबाद, डिग्गी, शाहपुरा, अरांई, पीसांगन, किशनगढ़, ब्यावर सहित विभिन्न क्षेत्रों से आई वैष्णव समाज की समितियों के प्रतिनिधियों का गरिमामय स्वागत एवं सम्मान किया गया।

समारोह में छात्रावास समिति अध्यक्ष सीताराम डाबर, कोषाध्यक्ष ब्रजकिशोर वैष्णव (बघेरा), सचिव गोपीकिशन, संरक्षक गोपालदास वैष्णव (गुड़गांव), परमेश्वर वैष्णव, सत्यनारायण वैष्णव सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्यजन उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन गोपीकृष्ण वैष्णव ने किया।यह आयोजन समाज की एकजुटता, शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और परंपरा के प्रति आस्था का अद्भुत संगम बन गया।