भारत विकास परिषद केकड़ी द्वारा नो दिवसीय कला एवं अभिरुचि शिविर का समापन समारोह हुआ सम्पन्न

केकड़ी, 26 मई (केकड़ी पत्रिका)भारत विकास परिषद शाखा केकड़ी द्वारा पटेल आदर्श विद्या निकेतन में आयोजित नव दिवसीय कला एवं अभिरुचि शिविर का समापन आज जवाहर रंगमंच, पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केकड़ी में समारोहपूर्वक किया गया।
समारोह का शुभारंभ शाखा अध्यक्ष बहादुर सिंह शक्तावत, प्रधानाचार्या रितु पाराशर एवं कार्यक्रम संयोजिका अंजू विजय द्वारा मां भारती एवं युग पुरुष स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर एवं वंदे मातरम् गीत के साथ किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि तहसीलदार बंटी राजपूत एवं रितु पाराशर का पारंपरिक तिलक व उपरना पहनाकर स्वागत किया गया। इस शिविर में लगभग 320 विद्यार्थियों ने भाग लिया एवं 14 विभिन्न विधाओं में दक्ष प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया। बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।

समापन अवसर पर तहसीलदार बंटी राजपूत एवं अतिथियों एवं अभिभावकों ने बच्चों द्वारा तैयार की गई कला व शिल्प की प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनकी सराहना की।महिला संयोजिका अंजू विजय ने बताया कि समारोह के दौरान ही परिषद के माध्यम से मरणोपरांत देह दान की स्वैच्छिक घोषणा करने वाली मातृशक्ति
मंजू विजय एवं मंजू शर्मा का भी कार्यक्रम में स्वागत सम्मान किया गया ।

समारोह में संरक्षक रामनरेश विजय, प्रांतीय कार्यकारणी सदस्य सर्वेश विजय व कैलाश चंद जैन, शाखा सचिव रामनिवास जैन, वित्तीय सचिव हीरालाल सामरिया,निवर्तमान अध्यक्ष महेश मंत्री, निवर्तमान वित्त सचिव भगवान महेश्वरी, विष्णु तेली, रामधन प्रजापत,विकास रत्न रामगोपाल वर्मा ने कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया
इस अवसर पर भारत विकास परिषद शाखा में नवीन सदस्य के रूप में रघुवीर प्रसाद सैनी एवं शिवपाल सिंह चौसला ने परिषद की सदस्यता ग्रहण की ।

मातृशक्ति महिला मंडल की ओर से संयोजिका अंजू विजय ,रेखा मंत्री, सरोज नरूका, ममता विजय, राधा विजय, राधा महेश्वरी, मोना टेलर, कैलाश सोनी, सुमन जैन, संगीता विजय, सरोज साहू व मंजू माहेश्वरी की सक्रिय सहभागिता निभाई ।
कार्यक्रम का संचालन सरोज नरूका ने किया एवं सभी प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
यह समापन समारोह बच्चों की प्रतिभा, माता-पिता की भागीदारी एवं सामाजिक संस्थाओं की सामूहिक सहभागिता का अनुपम उदाहरण बना।