प्राकृतिक खेती मिशन के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन, सैकड़ों किसानों ने लिया भाग

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केकड़ी 22 मई (केकड़ी पत्रिका)राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन और राज्य बजट घोषणा संख्या 129.14 00 के अंतर्गत कृषि उपखंड केकड़ी में चयनित 25 क्लस्टरों में एक दिवसीय जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को रासायनिक खेती के विकल्प के रूप में प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करना और इसके वैज्ञानिक पहलुओं की जानकारी देना है।इस संबंध में सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) श्री रामनिवास जांगिड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2025 की खरीफ फसल से पूर्व चयनित कृषकों को चार चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध रूप से जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।20 मई 2025 को प्रथम चरण के तहत हिंगोनिया, भीमड़ावास, कालेड़ा कंवरजी, आमली, गुलगांव और पड़ांगा ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन शिविरों में किसानों को प्राकृतिक खेती के सिद्धांत, जीरो बजट खेती, जीवामृत, घनजीवामृत, देशी गाय आधारित कृषि पद्धतियों, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन तथा जल संरक्षण जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए 21 मई 2025 को भाटोलाव, बाजटा, नया गांव मीणा, भिनाय, नागोला तथा गोयला ग्राम पंचायतों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।
श्री जांगिड़ ने बताया कि आगामी दिनों में अन्य चयनित क्लस्टरों में भी इसी तरह के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक किसान इस अभियान से जुड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाएं और एक हरित व समृद्ध कृषि व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाएं।
इन शिविरों में भी किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जहां प्रति शिविर लगभग 50 से 70 किसानों की उपस्थिति रही।शिविरों के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों ने किसानों के सवालों के उत्तर दिए और उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आवश्यक संसाधन एवं तकनीकी सहायता की जानकारी भी उपलब्ध करवाई। अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक खेती न केवल लागत को कम करती है, बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखते हुए दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ कृषि सुनिश्चित करती है।
