4 July 2025
Oplus_131072

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आओ बच्चों तुम्हे भ्रमण कराये शहर की ,

बैठ बग्गी सोहन पपड़ी खाये अजमेर की!

गोल प्याऊ की कचोरी रबड़ी लच्छेदार,

रस मलाई ताजी मिष्ठान भण्डार बीकानेर!

आना सागर जीवन सरिता अजमेर शहर की ,

साइबेरियन सारस कलरव छटा निराली भोर की !

देखो बच्चों सूरज दादा हो रहे बहुत ताता ,

इनकी नज़रों से बचो साथ मे लो सब छाता !

बच्चों पेड़ खूब लगाओ धरा हरि भरी बनाओ,

समय व्यर्थ न गंवाओ हरियाली से सजाओ!

पंछियों को चुग्गा डाले पात्र घर घर बनाये,

बिन पानी किसी पंछी के प्राण न उड़ जाये!

गौरेया घर में फुदक रही दाना उसको डालो,

बैठ मुंडेर कबूतर गुटरगूँ करें पानी पिलाओ!

बिल्ली मौसी देख दूध म्याऊं म्याऊं कर रही,

देख बिल्ली चुहिया डरके कोने में दुबक रही !

लाल कंठी बांध गले मैना संग तोता आया,

मिठू मिठू करता सब के मन को लुभाया!

मोटा हाथी रंग मटमैला कितनी लम्बी नाक,

छोटी गोल आंख पंखे जैसे बड़े झूलते कान!

देखो बच्चों गर्मी की छुट्टियां खूब पड़ गयी

अपनी हॉबी की किताबो से करे नित पढ़ाई!

घर मे सब हल्ला गुल्ला न करे हिलमिकर रहे ,

कोई भी किसी बात पर लड़ाई झगड़ा न करे!

फ़ास्ट फूड से दूर रहो कभी जिद्द न करना,

कच्ची केरी घाट छाछ राबड़ी से यारी रखना!

मोबाइल से दूर रहना जानी दुश्मन आपका,

पढ़ाई लिखाई के अलावा नही किसी काम का !

मैं अंग्रेजी पढ़ी लिखी मेरी क़द्र न जानी मम्मी जी ,

चौमासे में पांव फिसल गया कमर टूट गयी मम्मी जी!

  • गोविन्द नारायण शर्मा

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