तीर्थ यात्रा, चौकी तीर्थ वंदना सौभाग्यशाली, पुण्यशाली जीव ही पुण्य फल को प्राप्त करता है-गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी

केकड़ी 17 अप्रैल (केकड़ी पत्रिका) मानव मात्र को प्रतिदिन प्रभु स्मरण एवं स्तुति अवश्य करनी चाहिए ,इससे अपने जीवन मे पूर्व में किए गए खोटे कर्मों का क्षय होता है।संतो की मुख वाणी, प्रभु की मुखवाणी को शब्दों को व्यक्त करने का साधन है जिससे हम ज्ञानार्जन प्राप्त कर सकते हैं ।प्रभु स्तुति भगवान से बातचीत करने का एक तरीका है । बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के समीप शिवम वाटिका में गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने अपने धर्मोपदेश में कहे ।
उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रा, तीर्थ वंदना सौभाग्यशाली, पुण्यशाली जीव ही कर सकता है और पुण्य फल को प्राप्त कर लेता है । अतःतीर्थ यात्रा , वंदना करके वआचार्य भगवन व 24 तीर्थंकरों की स्तुति कर मोक्ष मार्ग प्रशस्ति कर सकते है ।प्रातः जिनाभिषेक,शांति धारा, जिनेंद्र अर्चना एवं धार्मिक क्रियाएं आर्यिका ससंघ के सानिध्य में संपन्न हुई । शांति धारा करने का सौभाग्य त्रिलोकचंद कमलेश कुमार राजकुमार कालेडा परिवार एवं ओमप्रकाश गोविंद कुमार राजकुमार सदारा परिवार ने प्राप्त किया ।

भगवान महावीर व आचार्य श्री का चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन कैलाश चंद्र दीपक कुमार जूनियाँ वालों ने प्राप्त किया। पाद प्रक्षालन ओमप्रकाश ताराचंद प्रेमचंद पुनीत कुमार बड़ला परिवार ने प्राप्त किया । आर्यिकाश्री को शास्त्र भेंट चांदमल भेरूलाल गोयल बावड़ी वालों ने किया ।मंगलाचरण शकुंतला राँवका ने किया । शाम को प्रियंका दीदी व माताजी के सानिध्य में आनंद यात्रा संपन्न हुई । धर्म सभा का संचालन कपिल जैन शास्त्री द्वारा किया गया ।