काव्य/शायरी/कविता: तेरा दुपट्टा

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तेरा दुपट्टा उड़ने दो,
चूड़ियों को खनकने दो,
नजरें नशीली झुका दो,
होंठो पे हंसी बिखरने दो,
हवा में जुल्फें उड़ने
दो,एक लट मुझ पे बार दो!
तेरी खुशबू में डुबो दो,
गोरे तन पे रंग मलने दो!
थोड़ी भंग पीने दो
होली में उन्मादी होने दो,
गोरी बाहँ पकड़ने दो,
मोहे तोहे रंग मलने दो!
कोमल बाहों में झूला दो,
अंग ते अंग लगने दो ,
प्रीत का झरना बहने दो,
तरंगों को उठाने दो,
तेरी शोखियाँ लिखने दो,
पायल खनकने दो,
तेरा यशोगान करने दो,
तुझे अपनी कहने दो।