ट्रैवल एजेंसी को माना सेवा में कमी का दोषी, ₹25000 क्षतिपूर्ति के साथ वाद व्यय और अग्रिम राशि भी लौटानी होगी
अजमेर 16 अक्टूबर (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) ट्रेवल एजेंसी द्वारा अजमेर से धार्मिक यात्रा पर गए यात्रियों को यात्रा पूरी न कराकर बीच रास्ते में छोड़ देना आयोग ने भारी सेवा में कमी मानते हुए ट्रैवल एजेंसी पर ₹25000 जुर्माना लगाया है।मामले के अनुसार पंचशील निवासी मनीष कुमार जैन ने एडवोकेट तरुण अग्रवाल के जरिए परिवाद पेश कर बताया कि उसने इसी वर्ष अप्रेल माह में मध्य प्रदेश में स्थित जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर व जबलपुर जाने का प्रोग्राम बनाया था। जिसमें उसके परिवार व ससुराल के दस व्यक्ति महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे शामिल थे। वे सभी ट्रेन से 6 अप्रैल को सुबह अजमेर से दमोह पहुंचे थे।
वहां पहले से योगी ट्यूर एंड ट्रेवल एजेंसी से बुक कराई तूफान गाड़ी खड़ी थी। गाड़ी की सीटें टूटी हुई थी व गाड़ी की कंडीशन भी अच्छी नहीं थी। इस गाड़ी से कुंडलपुर व कुंडलपुर से जबलपुर होते हुए रात को वापस दमोह आना था जहां रात 11:30 बजे अजमेर के लिए ट्रेन में सभी का रिजर्वेशन था।
सभी लोग इस गाड़ी में दमोह से कुंडलपुर पहुंचे और दर्शन करने के बाद बाहर आने पर देखा कि पार्किंग में गाड़ी तो खड़ी थी किंतु ड्राइवर नहीं था। काफी तलाश करने के बाद जैन ने ट्रैवल एजेंसी को फोन किया। उनके द्वारा ढाई घंटे बाद दूसरा ड्राइवर भेजा गया। इस दौरान दोपहर तक सभी बच्चे बुजुर्ग बिना कुछ खाए पिए परेशान हो चुके थे। अंततः सभी कुंडलपुर से जबलपुर की तरफ रवाना हुए तो ड्राइवर ने दमोह से पन्द्रह किलोमीटर पहले गाड़ी रोक दी और दूसरे ड्राइवर का इंतजार करने लगा। आधे घंटे बाद दूसरा ड्राइवर आया तो उसने बताया कि गाड़ी की कंडीशन ठीक नहीं है गाड़ी धीरे ही चलेगी। जबलपुर जाने वहां घूमने और वापस दमोह आने में बहुत समय लग जाएगा रास्ते में गाड़ी खराब हो जाए तो उसकी जवाबदारी नहीं है।
ऐसी बातें सुनकर जैन ने पुनः ट्रैवल एजेंसी से बात की तो वह फोन पर ही अभद्रता करने लगा और ड्राइवर को सभी यात्रियों को वहीं बीच रास्ते में छोड़ देने की बात कही। ऐसी स्थिति में सभी यात्रियों को अन्य साधन से दमोह पहुंचना पड़ा और कई घंटों तक रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। सभी यात्री पूरे दिन भूखे प्यासे हैरान परेशान रहे और ट्रैवल एजेंसी ने राशि भी नहीं लौटाई। उनकी यात्रा भी अधूरी रह गई। जैन के परिवाद को दर्ज कर ट्रैवल एजेंसी को जवाब सहित तलब किया किंतु ना तो वह आयोग में उपस्थित हुआ न ही साक्ष्य प्रस्तुत की। उसके द्वारा डाक से जवाब भेजा गया जो शपथपत्र के अभाव में स्वीकार नहीं हुआ।
आयोग ने परिवादी की बहस सुनने के बाद माना कि परिवादी मनीष कुमार जैन की साक्ष्य पर अविश्वास किए जाने का कोई कारण इस आयोग के समक्ष नहीं है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों को प्रमाणित करा दिया है।
आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा सदस्य दिनेश चतुर्वेदी व जयश्री शर्मा ने ट्रैवल एजेंसी को भुगतान की गई अग्रिम राशि रुपए दो हजार पांच सौ, मानसिक शारीरिक व आर्थिक संताप क्षतिपूर्ति पेट राशि रुपए पच्चीस हजार एवं परिवाद व्यय राशि रुपए दो हजार आदेश की तिथि से दो माह की अवधि में अदा करने के आदेश दिए हैं। ऐसी राशि दो माह में अदा नहीं करने पर परिवादी इस राशि पर तादायगी नौ प्रतिशत ब्याज दर से ब्याज प्राप्त करने का भी अधिकारी होगा।
एडवोकेट तरुण अग्रवाल,अजमेर