आचार्य श्री का चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन व मुनि श्री के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का हुआ कार्यक्रम
केकड़ी 30सितंबर (केकड़ी पत्रिका न्यूज) “जिंदगी एक सफर है सुहाना ,यहाँ कल क्या हो किसने जाना ” जीवन के इस सफर में कल क्या होगा यह किसी को मालुम नहीं है । ना जाने कितने सफर कर लिए लेकिन सफर से जो मंजिल मिलनी चाहिए उस मंजिल तक आज तक भी नहीं पहुंच पाए हैं। इस सफर में हम अकेले ही चले जा रहे हैं ,जो हमारे हमसफर थे वह भी न जाने कहां विलीन हो गए है ।
पथ तो हमारा मात्रा संकेत है जहां से हमें वापस लौटना ना पड़े उसे मंजिल तक हम पहुंच ही नहीं पा रहे हैं ।पंच परावर्तन ककाल में पंचेन्द्रियों के रसास्वादन के कारण सही सफर हम तय नहीं कर पा रहे हैं ।बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ जैन मंदिर में आयोजित सत्यार्थ बोध पावन वर्षा योग के अवसर पर आयोजित धर्म सभा में मुनि अनुपम सागर महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहे ।
प्रवचन में मुनि यतीन्द्र सागर महाराज ने कहा कि धर्म अर्चना वस्तु का स्वभाव है,अपने निकट स्वभाव से पुरुषार्थ करते हुए जिनेंद्र देव की पूजा आराधना करते हुए धर्म के प्रति आसक्त होकर सफलता तक पहुंच सकते हैं । छोटे छोटे नियमों अणुव्रतों के धारण कर लेने से मोक्ष मार्ग की राह पर आगे बढ़ सकते हैं।प्रातः जिनाभिषेक, शांति धारा व नित्य नियम पूजा व धार्मिक क्रियाएं मुनि श्री के सानिध्य में सम्पन्न की गई ।
“6 अक्टूबर को उप नयन संस्कार शिविर “मुनि श्री ने बताया कि उक्त तिथि को 8 वर्ष से ऊपर अविवाहित बच्चों का उपनयन संस्कार शिविर आयोजित किया जाएगा जिसकी प्रवेश पंजीकरण पत्रिका का विमोचन समाज के श्रेष्ठी जनों द्वारा किया गया ।
आचार्य श्री का चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन व मुनि श्री के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का सौभाग्य शांतिलाल पारस कुमार विनोद कुमार राकेश कुमार मंगल व भागचंद ज्ञानचंद आशा देवी सुनील ,मेनका भाविक जैन ज्वैलर्स परिवार ने प्राप्त किया।चंद्रकला जैन ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया ।धर्म सभा का संचालन अशोक सिंहल ने किया।