बघेरा सीएचसी में सुविधाओ और अनियमितताओं पर ग्रामीणों में आक्रोश: मरीजों को इलाज के लिए जाना पड़ रहा है केकड़ी या कही ओर
बघेरा 18, सितम्बर (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदतर स्थिति से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। तीन डॉक्टरों की तैनाती के बावजूद मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। नर्सिंगकर्मियों द्वारा मरीजों को देखकर दवाइयां लिखी जा रही हैं, जबकि डॉक्टर अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पाँच डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में यहाँ सिर्फ तीन डॉक्टर कार्यरत हैं। इनमें से एक डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर बीसीएमओ (ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी) केकड़ी के पद पर हैं, जबकि दूसरे डॉक्टर कई दिनों से अनुपस्थित हैं।
चिकित्सा सुविधाओं में कमी का आलम
स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद नर्सिंगकर्मियों की भी स्थिति गंभीर है। छह स्वीकृत पदों में से तीन महिला और तीन पुरुष नर्सिंगकर्मी कार्यरत हैं, जिनमें से एक को सरवाड़ चिकित्सालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। ऐसे में मौसमी बीमारियों के चलते अस्पताल में भीड़ तो बढ़ रही है, लेकिन मरीजों को सही समय पर इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण कई मरीज बिना उपचार के वापस लौटने को मजबूर हैं।
जांच मशीनें खराब, नही हो पाती है जांचें
अस्पताल में जांच करने वाली मशीनें भी खराब पड़ी हुई हैं, जिससे मरीजों को केकड़ी के जिला चिकित्सालय जाकर अपनी जांच करानी पड़ती है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है।
स्वास्थ्यकर्मियों के बीच तालमेल की कमी
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बघेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब राजनीति का अखाड़ा बन चुका है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच तालमेल की कमी के चलते मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। जबकि केंद्र को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा क्रमोन्नत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया था, फिर भी सुविधाओं में सुधार नहीं हो पाया है।
बीसीएमओ का कहना है..
इस मुद्दे पर बीसीएमओ संजय कुमार शर्मा ने बताया कि एक डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज देख रहे हैं, जबकि एक डॉक्टर अनुपस्थित हैं। नर्सिंगकर्मी की प्रतिनियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है और उन्हें अपने मूल स्थान पर लौटने के आदेश दिए गए हैं। जांच मशीन की खराबी की सूचना उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी है और इसे जल्द ठीक करने का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल की अनियमितताओं पर डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
ग्रामीणों में है भारी आक्रोश
ग्रामीणों की मांग है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, जांच मशीनों को दुरुस्त किया जाए, और मरीजों को समय पर सही उपचार मिले। अगर स्वास्थ्य सुविधाओं में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो ग्रामीण आंदोलन करने पर मजबूर हो सकते हैं।