बीसलपुर बांध की बनास नदी में जल भराव बढ़ाने के लिए गाद निकालने का कार्य युध्द स्तर पर शुरू

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बांध की सफाई में निकलने वाले खनिज पदार्थों की माइनिंग विभाग फर्म से रॉयल्टी वसूलेगा, सरकार की बढ़ेगी आय

                                                                कुशायता,15जुलाई(केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल/हंसराज खारोल) राजस्थान सरकार के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने ईस्टर्न राजस्थान केनल प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सबसे बड़े पेयजल सोत्र बीसलपुर बांध में जल भराव की क्षमता बढ़ाने को लेकर बांध के कैचमेंट एरिये में स्थित बनास व खारी नदी की सरहद में ड्रोगन मसीन से गहरी करने के लिए नदी में जमा सिल्ट गाद कंक्रीट रोड़ी पत्थर व बजरी निकालने का कार्य युध्द स्तर पर चलाया जा रहा है।



बीसलपुर बांध की सिल्ट गाद निकालने के दौरान निकलने वाले खनिज पदार्थों का माइनिंग विभाग रॉयल्टी टेक्स वसूलेगी।जिससे सरकार को आय होगी।
अजमेर कोटा हाइवे के सावर देवली रोड पर  स्थित 315-5 मीटर की भराव क्षमता वाले  बीसलपुर बांध में साल्ट गाद भरने से कम हुई पानी की क्षमता को लेकर साफ सफाई के लिए गुजरात की एन एल गढ़िया कम्पनी को 24 साल के लिए टेंडर दिया गया है। 

इस समयावधि के दौरान बीसलपुर बांध के भराव क्षमता एरिया बनास नदी में नापाखेड़ा बाढ़ का झोपड़ा जीतपुर से होकर जहाजपुर के ग्राम जालमपुरा तक व खारी नदी में सावर क्षेत्र के बाजटा कालेडा कवर जी टोंक जिले के रामथला एरिये से नदी से सिल्ट गाद कंक्रीट लोड़ी पत्थर रोड़ी व बजरी निकालकर गहरी करेगी। साफ सफाई को लेकर एन एल गड़िया कम्पनी ने हाल ही में सावर क्षेत्र के ग्राम बाढ़ का झोपड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र से लेकर जहाजपुर क्षेत्र के हथोडीया में ड्रॉगन मसीन को पानी मे उतारकर एक किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक पाईपों की सहायता से साफ सफाई अभियान के तहत सिल्ट गाद  व कंक्रीट लोड़ी पत्थर रोड़ी व बजरी पानी के साथ बाहर निकाली का रही है।

भीषण गर्मी के बावजूद बांध के केचमेंट एरिये में साफ सफाई का कार्य युध्द स्तर पर चलाया जा रहा है।इस दौरान बनास नदी में सफाई के लिए करोड़ो की लागत की पानी मे कार्य करने वाली ड्रोगन मसिंन के साथ ही एल एन टी जेसीबी मसिने डंपर ट्रैकर के अलावा कई तरह के मसिंनरीयो से सिल्ट गाद रोड़ी,पत्थर बजरी निकाली जा रही है।

मशीन से सबको अलग अलग किया जा रहा है।ठेकेदार कम्पनी के विजय प्रताप सिंह शक्तावत ने बताया कि सरकारी नियमानुसार बांध की सफाई को लेकर गाद निकाली जा रही हैं।जिसकी माइनिंग विभाग के अधिकारियों के निर्देश में निकलने वाले खनिज पदार्थों की रॉयल्टी दी जा रही हैं।  

गौरतलब है कि 20 साल पूर्व में 2004 में बीसलपुर बांध से जयपुर अजमेर टोंक केकडी नसीराबाद सावर सहित अन्य इलाहको में पेयजल सप्लाई शुरू हुई थी।इस दौरान बनास नदी व खारी नदी से आने वाले बारिश के पानी के साथ कैचमेंट एरिये में सिल्ट गाद आकर जमने से पानी का भराव कम हो गया उसी के चलते पेयजल की समस्या उतपन्न होने से सरकार ने बांध की सफाई करवाकर जल भराव को बढ़ाने के लिए उक्त कम्पनी को टेंडर दिया गया है।                       

इनका कहना है--             

बांध के सफाई अभियान को लेकर माइनिंग विभाग सावर के सहायक अभियंता संजय  शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग की योजना ईस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट के तहत बीसलपुर बांध में जल भराव क्षमता को बढ़ाने के लिए गुजरात की फर्म एन एल गढ़िया को 24 साल के लिए ठेका दिया गया है।उसके तहत निकलने वाले खनिज पदार्थों की माइनिंग विभाग नियमानुसार रॉयल्टी वसूल करेगी।                         
संजय शर्मा  सहायक अभियंता माइनिंग विभाग कार्यालय सावर

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