18 जून को है निर्जला एकादशी का व्रत,इस उपवास और पूजा का होता है बेहद महत्व,

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कुशायता 16 जून (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल/हंसराज खारोल)ज्योतिषाचार्य, वास्तु शास्त्री पंडित राजकुमार पाराशर पिपलाज ने बताया कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की 18 जून मंगलवार को एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी है। कहा जाता है कि साल भर में जितनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को फल प्राप्त होता है, उतना का फल निर्जला एकादशी के दिन व्रत करने से मिलता है।

मंगलवार को रख जाएगा व्रत: इस बार 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा, तो आइए जानते हैं कि इस दिन क्या उपाय करने से भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी प्रसन्न होंगी निर्जला एकादशी पर करें ये उपाय…

इस मंत्र का करे जाप: निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने के बाद उन्हें चंदन का तिलक जरूर लगाएं। इसके साथ ऊँ अः अनिरुद्धाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आएगी। इस एकादशी के दिन पारिवारिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए, व्यक्ति को घर में लगे तुलसी के पौधे के पास शुद्ध गाय के घी से 11 दीपक जलाने चाहिए। इसके साथ ही तुलसी की 11 परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करना अति शुभ माना जाता है।

पंजीरी का लगता है भोग: निर्जला एकादशी पर जीवन में आने वाली समस्त परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, पंजीरी में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान को भोग लगाने से आपकी समस्त प्रकार की परेशानियां समाप्त होती हैं। इसके अलावा कुंडली में अगर किसी प्रकार का दोष बन रहा है, तो उससे निजात पाने के लिए इस दिन पानी, शरबत, पीले फल, वस्त्र, आम, तरबूज, शक्कर इन चीजों का किसी ब्राह्मण या गरीबों को दान करना बेहद शुभ माना गया है।

इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजन पाठ करने के समय या पूरे दिन व्रत रखने के समय ॐ नमो वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करते रहना चाहिए। ऐसा करने से आपकी समस्याएं पूर्ण होंगी।

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