खुद के हाथों संघर्ष की कहानी लिखने वाले मुरली पान वाले नहीं रहे, शरीर पंच तत्व में हुआ विलीन,
बांदनवाड़ा 11 जून (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल/डॉ.मनोज आहूजा) कस्बे के व्यापारी व समाजसेवी मुरली पहिलवानी का सोमवार रात्रि में देवलोक गमन होने पर मंगलवार सुबह को कस्बे के मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उनके पार्थिव शरीर को विदाई देते हुए चंदन की लकड़ी समर्पित कर इस महान आत्मा को भावभीनी विदाई दी।
स्वर्गीय मुरली पहलवानी ने बचपन से ही संघर्ष करते हुए अपने पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए पहलवानी खानदान का नाम श्रेष्ठ किया ।
करीब 6 वर्ष पूर्व लकवा का अटैक आने के बाद भी उन्होंने अपनी विल पॉवर को मजबूत रखते हुए लकवा जैसे रोग से संघर्ष करते हुए अपनी दिनचर्या को निर्धारित किया। इसी दौरान करीब डेढ़ साल पहले अचानक से उनका स्वास्थ्य बिगड़ा जिस पर उन्हें अजमेर व जयपुर रेफर किया गया जहां पर लम्बे समय से उनका उपचार चला और तब से ही वो उपचाररत थे ।
आज जब स्वर्गीय मुरली पहलवानी की अंतिम यात्रा निकली तो हर किसी की आंख भी नम थी और हर कोई उनके पुत्रों द्वारा की गई सेवाओं की सराहना करते हुए देखे गए। कस्बे के नेता व उद्योगपति द्वारा रूपये उधार लेकर वापस नहीं देने की मोक्षधाम पर हुई चर्चा