खरीफ फसलों को कीट रोग से बचाव पर कृषक गोष्ठियों के माध्यम से दी जाएगी प्रभावी जानकारी

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केकड़ी, 10 जून(केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) केकडी जिले में खरीफ में कपास,मूंग, उड़द, ज्वार, बाजरा, तथा मूंगफली एवं रबी में चना, सरसों, गेंहू तथा जीरा आदि फसलों की मुख्य रूप से खेतीं की जाती है। सहायक निदेशक कृषि विस्तार श्री रामनिवास जाँगिड ने बताया कि किसान गोष्ठियों के माध्यम से जिले के किसानों को फसलों में लगने वाले रोग यथा भूमिजनित एवं बीजजनित एवं कीट यथा- सफेद लट, दीमक, हरी लट् तथा फड़का आदि की रोकथाम के लिए गर्मी की गहरी जुताई शत प्रतिशत बीजोपचार, प्रमाणित बीज की बुवाई तथा फसलों की उन्नत कृषि विधियों की जानकारी दी जा रही है। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार श्री राकेश कुमार अटल ने बताया कि प्रत्येक सहायक कृषि अधिकारी मुख्यालय पर एक-एक किसान गोष्ठी का आयोजन कार्यक्रम किया जा रहा है ।

जिसमें संबंधित सहायक कृषि अधिकारी किसान गोष्ठी आयोजन के प्रभारी होंगें। प्रत्येक किसान गोष्ठी में कम से कम 50 प्रगतिशील कृषक द्वारा भाग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गर्मी की गहरी जुताई करने से भूमि का वायुसंचार एवं जलधारण क्षमता बढ़ती है।

गर्मी की गहरी जुताई करने से तेज धूप के कारण कीड़े-मकोड़े एवं बीमारियों के जीवाणु, विषाणु खत्म हो जाते है। सूर्य की किरणे भूमि के अन्दर प्रवेष करने से भूमि का तापमान बढ़ जाता है । इससे कीडों के अण्डे प्यूपा और लार्वा काफी हद तक नष्ट हो जाते है इस प्रकार गर्मी की गहरी जुताई करने से तेज धूप के कारण कीड़े-मकोड़े एवं बीमारियों के जीवाणु, विषाणु खत्म हो जाते है एवं सूत्रकर्मी भी नष्ट हो जाते हैगोष्ठियों में जैविक नियंत्रण की जानकारी भी दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि मंगलवार 11 जून को ग्राम जूनिया , हिंगोनिया, बोराडा, गुलगांव , मोर तथा बांदनवाड़ा में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा । इसी प्रकार बुधवार 12 जून को ग्राम कादेड़ा , गोयला , सराना , मांड़ोलाई एवं देवलिया कला में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा ।

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